G-7 में भारत को न्योता, चीन बोला- 'नहीं चलेगी गुटबंदी'
अमेरिका के राष्ट्रपति के G-7 शिखर सम्मेलन के लिए भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने चीन के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। चीन की ओर से इसे लेकर मंगलवार को नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जताई गई और कहा गया कि पेइचिंग के खिलाफ किसी गुटबंदी का प्रयास नाकाम साबित होगा। G-7 दुनिया की शीर्ष सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए इन देशों के प्रमुखों की हर साल बैठक होती है।
G-10 या G-11 कर दिया जाए: ट्रंप
ट्रंप ने G-7 की बैठक सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। उन्होंने इच्छा व्यक्त की थी कि इस ‘पुराने पड़ गए संगठन’ का विस्तार किया जाए और इसमें भारत और तीन अन्य देशों को शामिल किया जाए। साथ ही इसे G-10 या G-11 बनाया जाए। ट्रंप के भारत और तीन अन्य देशों को G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने से चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने चीन का रुख साफ किया।
‘गुटबंदी की कोशिश होगी विफल’
झाओ ने कहा, ‘चीन का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों को विभिन्न देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने वाला होना चाहिए, जिससे बहुपक्षीयता कायम रह सके और विश्व शांति और विकास को बढ़ावा मिल सके।’ उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह दुनिया भर के देशों की भारी बहुमत की भूमिका है। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ कोई भी गुटबंदी का प्रयास विफल होगा। ट्रंप द्वारा भारत और तीन अन्य देशों को आमंत्रित किए जाने से चीन में बेचैनी की भावना है।
चीन पर हमलावर रहा है अमेरिका
G-7 की बैठक में अमेरिका कोरोना वायरस और साउथ चाइना सी मुद्दे पर चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के लिए अपने गुट को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार सार्वजनिक रूप से चीन की आलोचना कर चुके हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप तो कोरोना वायरस को वुहान वायरस और चीनी वायरस का नाम भी दे चुके हैं।