बजट पर केंद्र सरकार को कोई निर्देश देने के मूड में नहीं दिख रहा चुनाव आयोग
नयी दिल्ली : पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा को देखते हुए कांग्रेस, सपा, बसपा, जेडीयू, तृण्मूल कांग्रेस, डीएमके ने चुनाव आयोग से एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश नहीं किये जाने की मांग की. हालांकि आयोग ने विपक्षी दलों की मांग पर कहा है कि उसे बजट टालने का अधिकार नहीं है.
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख में बदलाव से भी इनकार किया है. विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बजट चुनाव संपन्न होने के बाद कराने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, जदयू के केसी त्यागी, सपा के रामनरेश अग्रवाल, डीएमके के टी शिवा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन शामिल थे. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश किये जाने से भाजपा को चुनावों में लाभ मिल सकता है.
कांग्रेस ने 2012 में आगे बढ़ायी थी तारीख : राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद कहा कि 2012 में इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की आपत्ति के बाद कांग्रेस ने बजट 28 फरवरी की बजाय 16 मार्च को पेश किया था. ऐसे में हमारी मांग है कि चुनाव के बाद बजट पेश किया जाना चाहिए.
राष्ट्रपति बदलवा सकते हैं बजट की तारीख : केंद्र सरकार को बजट पेश करने की तारीख बदलने का निर्देश देने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति के पास है. चुनाव आयोग सरकार को सिर्फ यह सलाह दे सकता है कि बजट पेश करने के दौरान वह ऐसी घोषणाओं से बचे जो चुनावी राज्यों के मतदाताओं पर प्रभाव डाल सकते हैं.