'झड़प' पर चीन का दावा, सीमा के अंदर सामान्य गश्त
पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने पर अब चीन ने सफाई दी है। चीन ने बुधवार को दावा किया है कि ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिक चीनी सीमा के अंदर ‘सामान्य गश्त’ कर रहे हैं। बता दें कि पहले यह खबर आई थी कि चीनी हेलिकॉप्टर भारतीय पूर्वी लद्दाख में वायुसीमा के आस-पास उड़ता देखा गया था और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने उन्हें भगाने के लिए उड़ान भी भरी थी। हालांकि, भारत सरकार के सूत्रों ने भी अब साफ किया है कि चीन की तरफ से लद्दाख में भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन नहीं किया गया।
दोनों देशों के राजनयिक संपर्क में
इससे पहले पैंगॉन्ग लेक के पास पिछले हफ्ते दोनों देशों की सेनाओं के करीब 250 जवानों के बीच झड़प हुई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान का कहना कि सैनिकों की झड़प को लेकर दोनों देश राजनयिक स्तर पर संपर्क में हैं। झाओ ने दावा किया है कि सीमा मुद्दे पर चीन का रुख पहले जैसा और स्पष्ट है। चीनी सीमा पर तैनात सैनिक सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता कायम रखे हुए हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपनी ओर सामान्य गश्त कर रहा है। हम भारत से चीन के साथ काम करने और (मुद्दे को) उलझाने वाला कोई कदम उठाने से दूर रहने का अनुरोध करते हैं, ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास और सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल माहौल बन सके।’
अपने स्थान पर बने रहे
सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि 5 मई को दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के निकट चीन के कम से कम दो हेलिकॉप्टरों को उड़ते देखा गया। इसके बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने भी वहां उड़ान भरी। झड़प के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के सैनिक अपने-अपने स्थानों पर बने रहे। हालांकि, तनाव और बढ़ने की आशंका में अतिरिक्त सैनिकों को लाया गया। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के हालात तनावपूर्ण बने रहे।
पहले भी भरते रहे हैं उड़ान
स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद 6 मई को दोनों पक्ष गतिरोध समाप्त करने पर सहमत हो गए। वहीं, दिल्ली में एक सूत्र ने बताया, ‘स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।’ सूत्रों ने बताया कि इलाके में चीनी हेलिकॉप्टरों का देखा जाना कोई असमान्य घटना नहीं है क्योंकि क्षेत्र में अपने तीन सैन्य अड्डों से भारत के सैन्य हेलिकॉप्टर भी उड़ान भरते हैं। 5 मई की देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प तथा पथराव की घटना हुई थी, जिसमें दोनों ओर से कुछ सैनिक घायल हुए थे।
2017 के बाद पहली घटना
सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना में करीब 150 भारतीय और चीनी सैन्य कर्मियों के बीच शनिवार को चीन-भारत सीमा पर सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास झड़प हुई थी जिसमें दोनों ओर के कम से कम 10 सैनिकों को चोटें आई थीं। दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस तरह की घटना पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में हुई थी। उसके बाद यह ऐसी पहली घटना है।
युद्ध के बन गए थे आसार
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम के पास 73 दिन तक गतिरोध रहा था। उस घटना से दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी उत्पन्न हो गई थीं। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है। यह दोनों देशों के बीच अघोषित सीमा है। चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है, जबकि भारत इसका खंडन करता रहा है। दोनों पक्षों का कहना है कि सीमा मुद्दे का हल होने तक सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखना जरूरी है।