सीमा पर भिड़ंत के बाद चीन की शांति की बात
पहले भिड़ंत, अब शांति का दावा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों ने हमारे सीमावर्ती इलाकों में हमेशा शांति और धैर्य बनाए रखा है। सीमा मामलों को लेकर चीन और भारत मौजूदा व्यवस्था के तहत एक-दूसरे से अक्सर संवाद और समन्वय करते हैं।’ कोविड-19 महामारी फैलने के बाद 5-6 मई को उग्र रुख के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा, ‘संबंधित अवधारणा आधारहीन है।’
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच पिछले सप्ताह दो जगह टकराव हुआ। शनिवार को नॉर्थ सिक्किम में यह टकराव हुआ जिसे स्थानीय कमांड स्तर पर बातचीत से सुलझा लिया गया। सूत्रों के मुताबिक इससे पहले 5 अप्रैल देर रात ईस्ट लद्दाख में दोनों तरफ के सैनिक आपस में भिड़े। चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई और पत्थरबाजी भी। इसमें दोनों तरफ के कुछ सैनिकों को हल्की चोटें भी आई हैं। स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत से इस टकराव को खत्म किया गया।
कूटनीतिक रिश्ते के 7 दशक का हवाला
प्रवक्ता ने कहा, ‘यह वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों का 70वां वर्ष है और दोनों देशों ने कोविड-19 से मिलकर लड़ने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा, ‘इन परिस्थितियों में दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए और मतभेदों को उचित तरीके से निपटाना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखनी चाहिए ताकि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के साथ ही कोविड-19 के खिलाफ एकजुट होकर लड़ सकें।’
कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन के रुख में किसी तरह के बदलाव पर रिपोर्ट को खारिज करते हुए झाओ ने कहा, ‘कोविड-19 के प्रसार के बाद से ही चीन और भारत के बीच परस्पर संवाद और सहयोग जारी है ताकि चुनौतियों से मिलकर मुकाबला किया जा सके।’