एलियन वायरस न ले आएं अंतरिक्ष यात्री!
दूसरी दुनिया के जीवों को पृथ्वी पर हमला करते हुए आपने शायद साइंस-फिक्शन में देखा होगा लेकिन अब NASA के साइंटिस्ट सच में एलियन वायरसों के हमले के लिए तैयार हो रहे हैं। मंगल मिशन पर जाने के लिए इंसान तैयार हो रहे हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि दूसरी दुनिया के ‘प्रदूषक तत्व’ स्पेसशिप्स और ऐस्ट्रनॉट्स के रास्ते पृथ्वी पर वापस न आ जाएं।
‘इबोला की तरह हो ट्रीटमेंट‘
स्टैनफर्ड प्रफेसर ऑफ ऐरोनॉटिक्स ऐंज ऐस्ट्रनॉटिक्स स्कॉट हबर्ड ने कहा है कि इसके लिए मकैनिकल सिस्टम्स को केमिकल क्लीनिंग और हीट स्टेरिलाइजेशन से होकर गुजरना पड़ेगा जबकि मार्स से आए सैंपल्स को जब तक सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाएगा तब तक ‘इबोला ‘ की तरह (खतरनाक) समझा जाएगा। हबर्ड ने यह भी कहा कि ऐस्ट्रनॉट्स को वापस आने के बाद क्वारंटीन भी करना होगा जैसे अपोलो पर मिशन पर चांद से लौटने वाले ऐस्ट्रनॉट्स को किया गया था।
इंसानों को किया जाएगा क्वारंटीन
पहले 1970 के दशक में वाइकिंग I और II जैसे मार्स मिशन्स में रॉकेट जाते थे जिन्हें ज्यादा तापमान में स्टेरिलाइज कर दिया जाता था। हालांकि अब कम कीमत के रॉकेट बनते हैं जिनके ऊपर सुरक्षा का खर्च बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ तापमान से टेक्नॉलजी को साफ नहीं किया जा सकता। इसके लिए केमिकल क्लीनिंग भी करनी होगी। इसके लिए स्पेसक्राफ्ट और मार्स के सैंपल्स के बीच में कॉन्टैक्ट कई लेयर्स में होगा। इंसानों को तापमान जैसे तरीकों से साफ नहीं किया जा सकता, इसलिए उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा।