मेरी मौत के लिए भी तैयार थे डॉक्टर: बोरिस जॉनसन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना वायरस को हराकर काम पर लौट चुके हैं। उनके घर में एक नया मेहमान भी आ चुका है, लेकिन अस्पताल में बिताए दर्दनाक वक्त को वह भूल नहीं पाए हैं। जॉनसन रविवार को पहली बार इस बारे में बात करते हुए बताया है कि डॉक्टरों ने हर तरह के नतीजों की तैयारी कर ली थी। यहां तक कि इस बात पर भी सोचा जा चुका था कि अगर वह जिंदा नहीं रहे तो क्या किया जाएगा।
‘दूसरे इंतजाम भी थे’
बोरिस ने बताया कि 7 अप्रैल को सेंट थॉमस हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती होने पर उन्हें कई लीटर ऑक्सिजन दी गई। उन्होंने बताया, ‘मैं इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि वह बहुत मुश्किल पल था। उन्होंने ‘स्टालिन की मौत’ जैसे हालात के लिए भी तैयारी कर ली थी। मैं बहुत अच्छे हालत में नहीं था और मुझे पता था कि डॉक्टरों के पास दूसरे प्लान भी थे। अगर कुछ गलत होता है तो डॉक्टरों के पास दूसरे इंतजाम भी थे। उन्होंने मुझे एक फेस मास्क दिया और कई लीटर ऑक्सिजन भी दी गई।’
‘समझ नहीं आ रहा था’
जॉनसन ने माना कि वह कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव आने के बाद वह अपनी हालत की गंभीरता को नजरअंदाज कर रहे थे। यहां तक कि अस्पताल भी नहीं जाना चाह रहे थे। बोरिस ने कहा कि अब वह सोचते हैं तो लगता है कि अच्छा हुआ जो उन पर अस्पताल जाने के लिए दबाव बनाया गया। उन्होंने बताया, ‘यह विश्वास करना मुश्किल था कि कुछ ही दिन में मेरी तबीयत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी। मुझे गुस्सा आ रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं ठीक क्यों नहीं हो रहा हूं।’
‘…कैसे हैंडल करना है’
उस दौरान अपने सबसे कठिन पल को याद करते हुए उन्होंने बताया, ‘सबसे खराब पल वह ता जब 50-50 चांस था कि मेरी सांस की नली में उन्हें ट्यूब डालना पड़ता। तब थोड़ा…वे सोचने लगे कि इसे कैसे हैंडल करना है क्योंकि किसी इंडिकेटर्स गलत डायरेक्शन में जा रहे थे और मैं सोच रहा थी कि इसकी कोई दवा नहीं है और कोई इलाज नहीं है। तब मुझे लगा कि मैं इससे बाहर कैसे निकलूंगा।’
‘पहले कभी नहीं हुआ ऐसा’
बोरिस ने बताया कि पहले वह कई बार घायल होकर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन ऐसा कुछ पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने बताया, ‘मैंने अपनी नाक तोड़ी है, उंगली तोड़ी, कलाई तोड़ी है, पसली भी तोड़ी है। लगभग सबकुछ तोड़ चुका हूं लेकिन इतना गंभीर कुछ कभी नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा कि बेहद अच्छी देखभाल की वजह से वह ठीक हो सके और इस घातक बीमारी से बाहर निकल पाने के लिए वह लकी है जबकि दूसरे लोग अभी उससे गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए वह दूसरे लोगों को दर्द से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही इस बात के लिए भी कि देश को वापस अपने पैरों पर खड़ा किया जा सके।