इजरायल: नेतन्याहू के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई
इजरायल के सुप्रीम कोर्ट ने के आपराधिक आरोपों का सामने करने के बावजूद सरकार गठन करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर रविवार को सुनवाई शुरू की। कार्यवाही में 11 न्यायाधीशों की बड़ी पीठ ने हिस्सा लिया जो आमतौर पर देखने को नहीं मिलता है और इसका सीधा प्रसारण किया गया। यह भी दुर्लभ ही है। इस सुनवाई के जरिए यह देखा जाएगा कि क्या आरोपी नेता सरकार बना सकता है।
हालांकि, देश का कानून स्पष्ट रूप से इसपर रोक नहीं लगाता है। इजराइल के कानून के मुताबिक कैबिनेट मंत्रियों और मेयर को आरोपी होने पर इस्तीफा देना होगा लेकिन प्रधानमंत्री के लिए त्याग पत्र देना जरूरी नहीं है। अगर अदालत नेतन्याहू के खिलाफ फैसला देती है और उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोकती है तो इजरायल राजनीतिक अव्यवस्था में चला जाएगा और देश में 12 महीने में चौथी बार चुनाव कराने की संभावना बन सकती है।
नेतन्याहू के खिलाफ रिश्वत लेने, धोखाधड़ी करने और विश्वासघात के आरोप इस साल की शुरुआत में लगाए गए थे। हालांकि उन्होंने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है। कोरोना वायरस की वजह से उनके मामले की सुनवाई टाल दी गई थी। सुनवाई इस महीने के आखिर में शुरू होनी है। नेतन्याहू के शासन के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। पिछले हफ्ते नेतन्याहू के शासन के खिलाफ सुनवाई शुरू करने के लिए अदालत के विरुद्ध प्रदर्शन हुए थे।
रविवार की सुनवाई का सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सीधा प्रसारण होगा। वहीं, देश का अधिकतर हिस्सा कोरोना वायरस वजह से पाबंदियों का सामना कर रहा है। नेतन्याहू ने अपने प्रतिद्वंद्वी और पूर्व सेना प्रमुख बेनी गैंट्ज़ के साथ सत्ता बंटवारे का समझौता किया है जिसके तहत पहले 18 महीने नेतन्याहू प्रधानमंत्री बनेंगे और बाद के 18 महीने गैंट्ज़ सरकार की बागडोर संभालेंगे।