…तो क्या अंटार्कटिका में हुई थी हिटलर की मौत?
दुनिया में अगर सबसे खतरनाक तानाशाहों का जिक्र हो, तो शायद का नाम सबसे पहले याद आएगा। यहां तक कि ‘हिटलर’ शब्द तानाशाही और क्रूरता का पर्यायवाची बन चुका है। अपने जिंदा रहते हिटलर ने जितनी नाइंसाफियों को अंजाम दिया, मरने के बाद उतनी ही थिअरी भी पीछे छोड़ गया। आज तक इतिहासकार इस बात में उलझ जाते हैं कि आखिर हिटलर की मौत कब, कैसे और कहां हुई थी। हालांकि, इस बात को मान लिया गया है कि बर्लिन के एक बंकर में उसने अपनी जान ली थी, लेकिन कहानियां निकलीं तो अंटार्कटिका तक जा पहुंची हैं।
अंटार्कटिका के बेस पर भागा?
दरअसल, हिटलर की मौत कब और कहां हुई, इसे लेकर कई सारी थिअरी हैं और उनमें से एक यह भी है कि वह विश्व युद्ध खत्म होने के बाद अंटार्कटिका भाग गया था जहां जर्मनी के कई बेस होने का दावा किया जाता है। नेचर मैगजीन की एक रिपोर्ट में पता चलता है कि जर्मनी ने 1938-39 के बीच अंटार्कटिका एक एक्सपीडिशन भेजा था। जुलाई 1945 में जर्मन सबमरीन U-530 अर्जंटीना के नेवल बेस पर देखी गई थी और उसके अगले महीने -977 सबमरीन भी वहां गई। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन्हीं जानकारियों की वजह से इन अफवाहों को बल मिलता है।
यह है हकीकत
हालांकि, कैंब्रिज के स्कॉट पोलर रीसर्च इंस्टिट्यूट के कॉलिन समरहेज और टोरंटो के पीटर बीचिंग ने साफ किया है कि ये एक्सपीडिशन वेल मछलियों के शिकार के लिए था और यह कभी भी एक दिन से ज्यादा बर्फ पर रुकने के लिए नहीं होता था। अंटार्कटिका की विशाल बर्फ पर नाजी बेस कहां था इसे लेकर भी कोई साफ दावा नहीं है। इस बारे में भी कोई सबूत नहीं है कि इन सबमरीन में हिटलर था या उसकी अस्थियां, या दोनों नहीं।
ऐसे हुई थी मौत
हिटलर की मौत से जुड़ी इस थिअरी और बाकी सभी अफवाहों पर फ्रांस के साइंटिस्ट्स ने 2018 में ब्रेक लगा दिया था। यूरोपियन जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में छपी रीसर्च के मुताबिक हिटलर के दातों के नमूनों से यह बात साफ होती है कि उसकी मौत 1945 में खुद को गोली मारने और साइनाइड खाने से हो गई थी। इस रीसर्च के मुख्य लेखक फिलीप चार्लियर ने बताया था, ‘हमारी स्टडी में साबित हुआ है कि हिटलर की मौत 1945 में हो गई थी। ये दांत असली हैं, कोई शक नहीं है। वह किसी सबमरीन में अर्जंटीना नहीं भागा, न अंटार्कटिका के किसी बेस में छिपा है और न चांद के अंधेरे हिस्से पर।’
बंकर में मारी गोली
हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को सोवियत सेनाओं से घिरने के बाद बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी। यह बंकर उसने बर्लिन में हवाई हमले से बचने के लिए बनवाया था। 10 दिन पहले उसका बर्थडे था। बर्थडे वाले दिन हिटलर आखिरी बार बंकर से बाहर आया था और सोवियत संघ की रेड आर्मी से लड़ने वाले सैनिकों को आइरन क्रॉस भेंट किया था।