कोरोना लॉकडाउन में ढील सही? इन देशों से सीखें
को फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन से निकलने को लोग आतुर हैं। न सिर्फ घरों में कैद होने से परेशान हैं, बल्कि बिजनस और रोजी-रोटी पर भी इसका असर हो रहा है। भारत में भी मांग की जाने लगी है कि 3 मई के बाद लॉकडाउन में ढील दी जाए। हालांकि, जब तक कोरोना का खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता, तब तक लॉकडाउन में ढील देना कितना सही फैसला होगा, यह देखने वाली बात है। दरअसल, ऐसी कई जगहों पर कोरोना वायरस के केसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है जहां लॉकडाउन में ढील दे दी गई थी।
लोगों को मॉनिटर करना मुश्किल
ब्राजील के शहर ब्लूमनॉ में 13 अप्रैल को बिजनस खोल दिए गए थे। तब कोरोना पॉजिटिव मामले 68 थे जो मंगलवार को 177 पर पहुंच गए। जो कि 160 प्रतिशत बढ़ोतरी है। पिछले बुधवार को मॉल खुलने तक 81 केस थे। बिजनस और मॉल्स वगैरह पर सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसे कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, COVID-19 से निपटने के लिए बनाई गई कमिटी के कोऑर्डिनेटर प्रफेसर जॉ गुर्गल का मानना है कि बड़ी संख्या में लोगों को मॉनिटर करना मुश्किल काम होता है।
गलत था ढील का फैसला
जापान के होक्काइडो में 19 मार्च को ही लॉकडाउन खत्म कर दिया गया था। इस 26 दिन के बाद एक हफ्ते के अंदर यहां 135 नए केस सामने आए हैं। मेडिकल असोसिएशन के चेयरमैन डॉ. कियोशी नगासी ने भी यह बात मानी है कि फर्स्ट स्टेट ऑफ इमर्जेंसी को खत्म नहीं करना चाहिए था। उन्होंने यहां तक कहा कि शायद अगले साल तक लॉकडाउन पूरी तरह हटाया नहीं जा सकेगा। यहां जब नए मामले 1-2 रह गए थे, तब प्रतिबंध हटाने का फैसला किया गया था।
ट्रंप ने दिया स्वीडन का उदाहरण
यहां तक कि अभी तक लॉकडाउन का विरोध करते आ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने भी इसके समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने स्वीडन का उदाहरण देते हुए कहा है कि लॉकडाउन करना अमेरिका का सही फैसला था। ट्रंप ने ट्वीट किया है, ‘लॉकडाउन नहीं करने का फैसला स्वीडन को भारी पड़ा है। वहां आज तक 2462 लोगों की जान चली गई है जो कि उसके पड़ोसी देशों नॉर्वे (207), फिनलैंड (206) या डेनमार्क (443) से कहीं ज्यादा है।’
जर्मनी में घर पर रहने की सलाह
जर्मनी को कोरोना वायरस से निपटने के कदमों के लिए काफी तारीफ मिली है। हालांकि, यहां वायरस रीप्रोडक्शन रेट बढ़ा है। इसके चलते पिछले हफ्ते लॉकडाउन में दी गई ढील के बावजूद लोगों को घरों में निकलने की सलाह दी गई है। वायरस रीप्रोडक्शन रेट जो महीने की शुरुआत में 0.7 था वह अब 1.0 हो गया है। इसका मतलब है कि एक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति औसतन एक व्यक्ति को इन्फेक्ट कर रहा है।