लॉकडाउन को देखते हुए जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के सुदूरवर्ती इलाकों के लिए डाक की विशेष व्यवस्था
नई दिल्ली : कोविड-19 से मुकाबला करने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के उद्देश्य को हासिल करने तथा डाकघरों में भीड़भाड़ रोकने के लिए, डाकघरों ने बुजुर्ग पेंशनरों को उनकी पेंशन घर पर ही देना सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। नजदीकी डाकघर लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और राज्य/स्थानीय प्रशासन के प्रयासों में अतिरिक्त योगदान देकर कोविड-19 के इस चुनौतीपूर्ण समय में जनता की वित्तीय, स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख संघ शासित प्रदेश के डाकघरों को वित्तीय लेन-देन को आसान बनाने और धनराशि निकालने और जमा करने की सुविधा के प्राथमिक उद्देश्य के साथ खोला गया है ताकि लोगों के पास रोजमर्रा की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के लिए पर्याप्त नकदी हो। इस संबंध में, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) को डाकघरों में भी चालू किया गया है, ताकि किसी भी बैंक में खाते वाले लोग किसी भी डाकघर से प्रति माह 10000/- रुपये निकाल सकें। एकमात्र शर्त यह है कि बैंक खाता लाभार्थी के आधार के साथ जुड़ा होना चाहिए.
जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख संघ शासित प्रदेश के सुदूरवर्ती और सीमावर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता वाली डाक जैसे स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट आदि सुचारू रूप से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए विशेष डाक प्रबंध किए गए हैं। डाकघरों में प्राथमिकता वाली डाक की विंडो डिलीवरी भी सुनिश्चित की गई है।
डाकघर अपने संकट के इस समय में समाज के गरीब और कमजोर वर्ग को राहत और सहायता प्रदान करने के सामाजिक दायित्व और आवश्यकता से अवगत है। राज्य/स्थानीय प्रशासन के साथ निकट सहयोग कायम कर सूखा राशन और सुरक्षा साधन जैसे मास्क, सैनिटाइज़र और साबुन जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। खाद्य और अन्य वस्तुओं, दवाओं आदि के वितरण में रसद सहायता प्रदान करने के लिए जिला/नगरपालिका अधिकारियों के नियंत्रण में विभागीय मेल मोटर वाहनों को रखा गया है। डाकघर परिसर का सफाई का काम नगरपालिका अधिकारियों के सहयोग से किया गया है।