वनवासी भाई-बहन प्रकृति के रक्षक: डॉ. रमन सिंह
रायपुर: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज सामाजिक समरसता सम्मान और कर्मा महोत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि वनवासी भाई-बहन प्रकृति के रक्षक हैं। हिन्दुस्तान की हजारों वर्ष पुरानी सांस्कृतिक परम्पराओं को उन्होंने पूरी दृढ़ता के साथ सुरक्षित रखा है।
डॉ. सिंह ने कहा- विविधता में एकता हमारी भारतीय संस्कृति की विशेषता है। इसके अनुरूप अलग-अलग संस्कृतियों और परम्पराओं को सहेज कर छत्तीसगढ़ ने हमारी राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता की भावना को जीवंत बनाए रखा है, जो इसकी एक बड़ी खूबी है। अपनी इसी विशेषता की वजह से छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में नई पहचान मिली है। रिसाली सेक्टर (भिलाई नगर) के दशहरा मैदान में आयोजित महोत्सव में मुख्यमंत्री के साथ महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, विधायक श्री सांवलाराम डाहरे, अध्यक्ष दुर्ग जिला पंचायत श्रीमती माया बेलचंदन और महोत्सव के संयोजक डॉ. आर.एस. बारले भी उपस्थित थे। डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम में सार्वजनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोक कलाकारों और अधिकारियों को छत्तीसगढ़ माटीपुत्र सम्मान से नवाजा। इनमें छत्तीसगढ़ के विलुप्त हो रहे लोक वाद्ययंत्रों के संग्रहणकर्ता श्री रिखी क्षत्रीय सहित 100 से अधिक लोक कलाकार शामिल थे।
डॉ. सिंह ने कहा-सांस्कृतिक दृष्टि से देश और प्रदेश की यह विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत भी है। मुख्यमंत्री ने कहा-इस्पात नगरी भिलाई न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक विविधताओं और विशेषताओं का प्रमुख केन्द्र है। उन्होंने कर्मा महोत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि सतपुड़ा से विध्यांचल तक और छत्तीसगढ़ में बीजापुर से बलरामपुर तक नई फसल के आगमन की खुशी में कर्मा नृत्य करते हुए इसके माध्यम से अच्छी फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है। कर्मा नृत्य की अपनी संस्कृति है। अलग-अलग रंग-बिरंगे परिधानों में हमारे मेहनत किसान और वनवासी भाई-बहन इस नृत्य में शामिल होते हैं।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और नया रायपुर में आकार ले रहे पुरखौती मुक्तांगन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा-सांस्कृतिक दृष्टि से, शिक्षा की दृष्टि से और अधोसंरचना विकास की दृष्टि से छत्तीसगढ़ विकसित हो और मजबूत हो, सुदूर गांवों तक हर प्रकार की जरूरी सुविधाएं पहुंचे, यह राज्य सरकार की मंशा है और इसके लिए सबके सहयोग से काम हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कर्मा नृत्य प्रदर्शन करने वाले सांस्कृतिक दलों को आयोजकों की ओर से पुरस्कृत कर बधाई और शुभकामनाएं दी।
समारोह को सम्बोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने कहा-यह आयोजन भारतीय संस्कृति के अनुरूप छत्तीसगढ़ की परम्पराओं को सहेजने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा-कर्मा नृत्य जनजातीय समाज में एक भाव पैदा करता है और प्रकृति की रक्षा के लिए संकल्प को दर्शाता है। श्री कश्यप ने कहा- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए कई योजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं।