बिजली की दर संतुलित रखने में विनियामक आयोगों की भूमिका महत्वपूर्ण : डॉ. रमन सिंह

बिजली की दर संतुलित रखने में विनियामक आयोगों की भूमिका महत्वपूर्ण : डॉ. रमन सिंह
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रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर में देश के विभिन्न राज्यों के विद्युत विनियामक आयोगों के साझा मंच ‘फोरम ऑफ रेगुलेटर‘ की 57 वीं बैठक का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर बिजली की दरों को संतुलित रखने में विद्युत नियामक आयोगों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उपभोक्ताओं की समस्याओं की सुनवाई से लेकर उत्पादन एवं वितरक कंपनियों के मध्य बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने का कार्य विद्युत नियामक आयोगों द्वारा किया जा रहा है। उन्होने कहा कि विकास की पहली जरूरत बिजली की उपलब्धता है। बिजली के बिना विकास की कल्पना संभव नहीं है। जिन राज्यों में घंटो बिजली की कटौती होती है उन राज्यों को विकसित राज्य नहीं माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा- उन्हे जब प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली तो उनके सामने विस्तृत भूभाग में फैले प्रदेश के अंतिम छोर के गांवो तक बिजली पहुंचाने की चुनौती थी। तब छत्तीसगढ़ में बिजली की उपलब्धता प्रति व्यक्ति मात्र 670 यूनिट थी। हमने बीजापुर से बलरामपुर तक बिजली का वितरण सुनिश्चित करने बिजली की लाईन का विस्तार किया है। आबादी की दृष्टि से देश के दसवें बड़े राज्य छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन बढ़ाने के साथ उसे अंतिम छोर के उपभोक्ता तक वितरण के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। फलस्वरूप बिजली की प्रति व्यक्ति खपत आज प्रदेश में बढकर 1670 यूनिट प्रति व्यक्ति तक पहुंच गई है। उन्होने कहा कि परंपरागत थर्मल पॉवर के साथ छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा एवं गैर परंपरागत स्रोतों से विद्युत उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है। धान की भूसी से बिजली पैदा करने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादक राज्यों को उत्पादन से जुड़ी अच्छाई-बुराईयों को सहन करना पड़ता है। बिजली उत्पादक राज्यों की स्थिति हिमालय के ग्लेशियर की तरह से है, जहां से नदियों का प्रवाह शुरू होता है लेकिन फायदा मैदानी राज्यों को मिलता है। ऐसे में विद्युत उत्पादक राज्यों के हितों को भी विशेष ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। उन्होने उम्मीद जताई कि विद्युत नियामक आयोगों के फोरम की इस बैठक से बिजली की कीमत और बिजली उत्पादक एवं उपभोक्ता के हितों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव आएंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग एवं रेगुलेटर्स फोरम के अध्यक्ष श्री गिरीश प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ देश के पॉवर हब के रूप में स्थापित हुआ है। यहां खपत की तुलना में चार गुना अधिक बिजली उत्पादित होती है, ऐसा देश में कोई दूसरा राज्य नहीं है। देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत एक हजार यूनिट है मगर छत्तीसगढ़ में यह 1870 यूनिट है। यह प्रदेश के विकास को दर्शाता है। उन्होने गैर परंपरागत स्रोत से विद्युत उत्पादन करने पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री नारायण सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को बिजली उत्पादन में सरप्लस बनाने में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह हर क्षेत्र में मॉडल स्टेट है। यहां 13 सालों में 13 हजार करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेंद्र कुमार, रेगुलेटर्स फोरम की सचिव श्रीमती शुभा शर्मा उपस्थित थे। इस सम्मेलन में झारखंड, आंध्रप्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, अरूणाचल प्रदेश, कर्नाटक, गोवा हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के विद्युत विनियामक आयोगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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