जेएनयू में हुई मारपीट की घटना की बीजेपी, विपक्ष ने की निंदा
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी () में रविवार को हुए बवाल और मारपीट की घटना पर सियासत शुरू हो गई है। इस घटना के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। हालांकि, इस घटना की केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ-साथ कई विपक्षी पार्टियों ने निंदा की है।
घटना की निंदा करते हुए बीजेपी ने कहा, ‘हम जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। यह उन अराजक तत्वों द्वारा दुस्साहस का प्रयास है, जो छात्रों को अपने हितों के लिए इस्तेमाल करते हैं और खत्म हो चुकी अपनी राजनीतिक जमीन को पाने के लिए अशांति फैलाने को उतारू हैं। यूनिवर्सिटी को शिक्षा और सीखने की जगह ही होनी चाहिए।’
वहीं, यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा और मौजूदा केंद्र सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू से आ रही तस्वीरें बेहद भयावह हैं। यह वह जगह है, जिसे मैं गंभीर चर्चाओं और राय के लिए जानती हूं और याद करती हूं। मैं आज कैंपस में हुई घटना की निंदा करती हूं। यह सरकार चाहती है कि यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए सुरक्षित जगह रहे।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हुई हिंसा पर निराशा जाहिर की और कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो ‘हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को’ छात्रों से लगता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं। जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है।’
विपक्षी कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा घायल छात्रों को देखने एम्स पहुंची और घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘घायल छात्रों ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर में बताया कि कैंपस में गुंडे घुस आए और उन्होंने डंडों तथा अन्य हथियारों से हमला कर दिया। कई लोगों के पैर टूट गए हैं और कई के सिर पर चोट लगी है। एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने उसके सिर पर कई बार लात मारी।’