केंद्र ने रोकी गणतंत्र की झांकी, ममता लाल
तापस रॉय का आरोप
राज्य सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री तापस रॉय ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी नीत सरकार ने राज्य के प्रति बदले की भावना पाल रखी है। उन्होंने कहा’ चूंकि पश्चिम बंगाल बीजेपी सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करती रही है, इसलिए उसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। चूंकि हमने सीएए जैसे जनविरोधी कानूनों का विरोध किया, इसलिए केंद्र ने हमारा प्रस्ताव खारिज कर दिया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इस तरह की घटिया राजनीति हमें जनविरोधी नीतियों का विरोध करने से रोक नहीं सकती है। बीजेपी ने प. बंगाल के लोगों को अपमानित किया है जिसका उसे निकट भविष्य में मुहंतोड़ जवाब मिलेगा।’
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दिलीप घोष का जवाब
इन आरोपों के जवाब में पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि झांकी का प्रस्ताव इसलिए खारिज हुआ क्योंकि राज्य सरकार ने प्रस्ताव पेश करने में नियमों एवं प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को हर मुद्दे पर राजनीति करना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने नियमों का पालन नहीं किया है। दूसरे राज्यों ने किया है, इसलिए झांकी के प्रस्ताव स्वीकार किए गए हैं। टीएमसी को हर मुद्दे पर राजनीति करना बंद करना चाहिए।’
इसलिए खारिज हुए प्रस्ताव?
दरअसल, 2015 में भी प. बंगाल सरकार का प्रस्ताव खारिज हो गया था, इसलिए इस बार उसने के अलावा दो वैकल्पिक योजनाओं ‘जॉल धरो, जॉल भरो (जल जमा करो और जल भरो)’ और ‘सबुज साथी (हराभरा साथी)’ की झांकियों का प्रस्ताव भी दिया था। एक अधिकारी ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि कोई भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया है क्योंकि केंद्र सरकार की भी इसी तरह की योजनाएं हैं। यही कारण हो सकता है कि प्रस्ताव खारिज हो गए।’
रक्षा मंत्रालय की दलील
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का प्रस्ताव एक विशेषज्ञ समिति द्वारा दो चरणों में पड़ताल करने के बाद खारिज हुआ है। मंत्रालय ने कहा था, ‘यहां यह जानकारी देना आवश्यक है कि पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को गणतंत्र दिवस 2019 में हिस्सा लेने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। यह इसी प्रक्रिया के जरिए चुनी गई थी।’ इसमें आगे कहा गया, ‘विशेषज्ञ समिति ने दूसरी बैठक में सोच विचार के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी के प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया।’
कुल 22 प्रस्ताव स्वीकृत
रक्षा मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे। मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव मिलाकर कुल 22 प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं।’