नीति आयोग के SDG इंडेक्स में केरल टॉप पर
की एसडीजी (टिकाऊ एवं स्वस्थ विकास के लक्ष्य) इंडेक्स संबंधी इस साल की रिपोर्ट में केरल टॉप पर है। इस रिपोर्ट में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब बताया गया है। आयोग के एसडीजी भारत सूचकांक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में राज्यों की प्रगति के आधार पर उनके प्रदर्शन को आंका जाता है और उनकी रैंकिंग की जाती है।
सोमवार को जारी एसडीजी भारत सूचकांक 2019 के अनुसार उत्तर प्रदेश, ओड़िशा और सिक्किम ने 2018 के मुकाबले काफी अच्छी प्रगति की है जबकि गुजरात जैसे राज्यों की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इंडेक्स में केरल 70 अंक के साथ टॉप पर बना रहा। केंद्रशासित प्रदेशों में चंडीगढ़ भी 70 अंक के साथ टॉप पर रहा।’ सूची में हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर जबकि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना तीनों तीसरे स्थान पर रहे।
सतत् विकास लक्ष्यों के इस साल के सूचकांक में बिहार, झारखंड और अरूणाचल प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र का 2030 का एसडीजी लक्ष्य भारत के बिना कभी भी हासिल नहीं किया जा सकता… हम स्वस्थ विकास के संयुक्तराष्ट्र में तय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य के मोर्चे पर दक्षिणी राज्यों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। कुमार ने कहा, ‘नीति आयोग के एसडीजी सूचकांक 2019 में पश्चिम बंगाल (14वां रैंक) का प्रदर्शन भी अच्छा रहा, लेकिन शैक्षणिक स्तर को देखते हुए राज्य को तीन बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में होना चाहिए।’
भारत का इस मामले में समग्र प्राप्तांक सुधरकर 2019 में 60 पर पहुंचा, जो 2018 में 57 था। पानी और साफ-सफाई, बिजली और उद्योग के क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल हुई है। हालांकि, पोषण और स्त्री-पुरूष असमानता देश के लिए समस्या बनी हुई है। सरकार को इस पर और विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष स्थान पाने वाले पांच राज्यों में से तीन का 12 लक्ष्यों को हासिल करने में प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। वहीं दो राज्यों का प्रदर्शन 11 मामलों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।