जनरल रावत CDS नियुक्त, सेना को नया चीफ
31 दिसंबर 2019 को एक तरफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर आर्मी चीफ भारतीय सेना की कमान संभालेंगे तो इसी दिन देश को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी मिल जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार देर शाम आर्मी चीफ को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किए जाने की औपचारिक घोषणा की। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि के तौर पर जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और अगले आदेश और उनके सेवा विस्तार तक रहेगा।
आपको बता दें कि आर्मी चीफ जनरल रावत मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे। सरकार द्वारा 65 साल तक रिटायरमेंट की उम्र सीमा किए जाने के बाद अब जनरल रावत अगले 3 साल तक पद पर बने रहेंगे। CDS का पद ‘4 स्टार’ जनरल के समकक्ष होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में ऊपर होगा। CDS का दफ्तर साउथ ब्लॉक में होगा। भारतीय सेना ने अपने ट्विटर हैंडल से जनरल बिपिन रावत को देश का पहला CDS बनाए जाने पर बधाई दी है।
जनरल बिपिन रावत को CDS बनाए जाने की घोषणा होने के फौरन बाद ही भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका के रक्षा संबंध और मजबूत होंगे। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी आर्मी चीफ को बधाई देते हुए कहा कि जनरल बिपिन रावत को देश का पहला CDS बनाया जाना पूरे राज्य के लिए गर्व और सम्मान की बात है।
28वें आर्मी चीफ होंगे लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे
उधर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने देश के 28वें आर्मी चीफ होंगे। वह भी 31 दिसंबर को ही पद की शपथ लेंगे। नरवाने जनरल बिपिन रावत का स्थान लेंगे। लेफ्टिनेंट नरवणे फिलहाल सेना उपप्रमुख हैं। लेफ्टिनेंट नरवणे सितंबर में सेना उपप्रमुख बनने से पहले सेना के ईस्टर्न कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ लगती करीब चार हजार किमी लंबी सीमा की देखभाल करती है। अपने 37 वर्षों के सेवा काल में लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
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लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटैलियन की कमान संभाली और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व किया। वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास में डिफेंस अटैची रहे। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। वह जून 1980 में सिख रेजिमेंट की सातवीं बटैलियन में कमीशन प्राप्त हुए। उन्हें ‘सेना मेडल’, ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ और ‘अतिविशिष्ट सेवा मेडल’ प्राप्त है।
CDS के लिए सेना के नियमों में संशोधन
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय ने सेना नियमों, 1954 में कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया है। मंत्रालय ने 28 दिसंबर की अपनी अधिसूचना में कहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे। इसमें कहा गया, ‘बशर्ते की केंद्र सरकार अगर जरूरी समझे तो जनहित में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सेवा को विस्तार दे सकती है।’ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख पद से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे। मौजूदा नियमों के अनुसार, तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल तक सेवा दे सकते हैं।
कैबिनेट की बैठक में पद और चार्टर को मिली थी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को CDS पोस्ट और इसके चार्टर एवं ड्यूटीज को मंजूरी दे दी थी। खास बात यह है कि सीडीएस, पद छोड़ने के बाद किसी भी सरकारी पद को ग्रहण करने के पात्र नहीं होंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल लालकिले से 15 अगस्त को दिए भाषण में इसका ऐलान किया था। पीएम ने कहा था कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होने के बाद तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और तालमेल बैठाने में आसानी होगी।
कौन हैं नए आर्मी चीफ?
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे फिलहाल आर्मी के वाइस चीफ के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सितंबर में वाइस चीफ का पद संभालने से पहले, लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे आर्मी की ईस्टर्न कमांड का नेतृत्व कर रहे थे। यह कमांड भारत और चीन के बीच करीब 4 हजार किलोमीटर की सीमा की रक्षा करती है। अपनी 37 वर्षों की सेवा में लेफ्टिनेंट जनरल नरवने ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर की बेहद खतरनाक जगहों पर काम किया है। उन्होंने इंडियन पीस कीपिंग फोर्स में श्रीलंका में भी काम किया है और म्यांमार में भारत के राजदूत के डिफेंस अटैच के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
करगिल युद्ध के बाद दिया गया था सुझाव
CDS थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकृत सैन्य सलाहकार होगा। 1999 में गठित की गई करगिल सुरक्षा समिति ने इस संबंध में सुझाव दिया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया जो CDS की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने का काम किया।