बीएसपी के वोटबैंक में सेंधमारी की तैयारी, दलितों को एसपी में बड़े पदों पर बैठाएंगे अखिलेश
लोकसभा चुनाव बाद बीएसपी से गठबंधन तोड़ चुकी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने अब मायावती के वोटबैंक में सेंध लगाने की तैयारी में हैं। इसके लिए वह पार्टी के जल्द घोषित की जाने वाली समितियों में दलितों को ओहदे देने का प्लान बना रहे हैं। सियासी जानकारों के मुताबिक उपचुनाव के परिणाम के बाद एसपी की भंग जिला और दूसरी कमिटियों का गठन किया जा सकता हैं।
समाजवादी पार्टी के एक पूर्व मंत्री के मुताबिक जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के संगठन का गठन होगा। कमिटियों में सामान्य के साथ पिछड़े, अति पिछड़े, मुस्लिम को तो तवज्जों दी ही जाएगी, दलित वर्ग को भी खास जिम्मेदारी मिलेगी। संगठन में दलित समाज के उन लोगों को जिम्मा सौंपा जाएगा, जिनकी अपने समाज में अच्छी पैठ होगी।
दलित समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्लान
पार्टी के मुख्य पदों पर तैनात किए गए दलित पदाधिकारियों को चरणबद्ध योजना देकर समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम मिलेगा। पूर्व मंत्री के मुताबिक दलितों को बताया जाएगा कि बीजेपी के शासन में दलित उत्पीड़न बढ़ा हैं। इसलिए एसपी ने सामान्य, पिछड़े, अति पिछड़े, मुस्लिम और दलितों को एकजुट करने के लिए बीएसपी से गठबंधन किया था।
बीएसपी के सिर ठीकरा फोड़ने की कोशिश
एसपी का प्लान है कि गठबंधन तोड़ने का ठीकरा बीएसपी के सिर फोड़ा जाए। गठबंधन टूटते के वक्त जो दलित खासकर युवा सोशल मीडिया पर खफा हुए थे, ऐसा लोगों को एसपी से जोड़ा जाए। दलितों को समझाया जाए कि बीजेपी का मुकाबला सिर्फ एसपी कर सकती है। एसपी समझाएगी कि बीएसपी का दावा सिर्फ दलितों पर हैं, उनका कोई दूसरा बड़ा वर्ग समर्थक नहीं हैं। पूर्व मंत्री चौधरी राजपाल सिंह का कहना है कि समाजवादी पार्टी हमेशा हर वर्ग के साथ खड़ी रहती हैं, वहीं बीएसपी ने दलितों को सिर्फ वोटबैंक मानकर ही उनका इस्तेमाल किया है।
Source: Uttarpradesh