करतारपुर:' कल नहीं होगा समझौते पर साइन'
भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर को लेकर समझौता पर हस्ताक्षर बुधवार को होने की संभावना नहीं है। पहले दोनों देशों के बीच 23 अक्टूबर को हस्ताक्षर की सहमति बनी थी। सूत्रों ने बताया कि अब बुधवार की जगह गुरुवार को अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होगा। उल्लेखनीय है कि भारत ने सोमवार को कहा था कि वह करतारपुर गलियारे के संचालन के लिए 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार है। साथ ही उसने पाकिस्तान से प्रति तीर्थयात्री 20 डॉलर का सेवा शुल्क लिए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कल करतारपुर गलियारे को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के पावन मौके पर करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं ताकि भारत से तीर्थयात्री और प्रवासी भारतीय कार्ड रखने वाले लोग पाकिस्तान में करतारपुर साहिब की यात्रा कर सके।
लंबे इंतजार के बाद करतारपुर गलियारे को खोले जाने पर सहमति बनी थी, लेकिन दोनों के बीच शुल्क को सहमति नहीं बन पाई है। मंत्रालय ने कहा, ‘यह निराशा की बात है कि भारत के तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बनने के बावजूद पाकिस्तान प्रति तीर्थयात्री प्रति यात्रा 20 डॉलर सेवा शुल्क लगाने पर जोर दे रहा है।’ उसने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान से लगातार अनुरोध किया है कि तीर्थयात्रियों की इच्छाओं का सम्मान करते हुए उसे इस तरह का शुल्क नहीं लेना चाहिए।
उधर, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शुल्क पर अड़े रहने पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं 20 रुपये प्रति डॉलर शुल्क लगाना ‘घटियापन’ है। गरीब श्रद्धालु यह रकम कैसे देगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आस्था के साथ कारोबार किया है।
Source: National