हेल्मेट लगाऊंगा तो पहचानेगा कौन: पुडुचेरी CM
देश की पहली महिला आईपीएस और व पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के बीच पहनने पर विवाद खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। नारायणसामी ने किरण बेदी के एक ट्वीट के जवाब में कहा है, ‘अगर मैं हेल्मेट पहनकर रैली में जाऊंगा तो लोग मुझे पहचान नहीं पाएंगे।’ किरण बेदी ने रविवार को कुछ ट्वीट किए थे जिनमें उन्होंने बिना हेल्मेट पहने टूवीलर चलाने वाले मुख्यमंत्री की फोटो पोस्ट करते हुए उनकी आलोचना की थी।
इससे नाराज नारायणसामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘जब हम मोटरसाइकल पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं और मैं हेल्मेट लगा लूं तो लोगों को तो पता ही नहीं चलेगा कि कौन वोट मांगने आया है। लेकिन सुश्री बेदी इतनी सामान्य बात भी नहीं जानतीं। इसके अलावा चुनाव के समय जब आदर्श आचार सांहिता प्रभाव में है उस समय उपराज्यपाल को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’
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‘खुद नियमों का पालन नहीं करतीं’
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने उलटे किरण बेदी पर हेल्मेट न पहनने का आरोप लगाते हुए कहा कि करीब पांच महीने पहले खुद किरण बेदी बाजार से गुजरते समय हेल्मेट नहीं लगाए हुए थीं। उन्होंने कहा, ‘उस समय चुनाव नहीं थे। उन पर भी उसी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू होते हैं। एक शख्स ने तो डीजीपी से उनकी शिकायत भी की थी। जब वे नियमों का पालन नहीं करतीं तो दूसरों को उसका उपदेश भी नहीं दे सकतीं।’
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कोर्ट की अवमानना का आरोप किरण बेदी के ट्वीट का जिक्र करते हुए नारायणसामी ने कहा, ‘मैंने सुश्री किरण बेदी का वह ट्वीट और फोटो देखा है, यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और पुडुदेचेरी के डीजीपी को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 30 अप्रैल के आदेश में कहा है कि आधिकारिक वार्तालाप के लिए उपराज्यपाल समेत मंत्रियों को किसी भी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करके उन्होंने कोर्ट की अवमानना की है। उन्हें अदालती कार्रवाई का सामना करना होगा।’
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धरना दिया था बेदी के आवास के बाहर
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में पुडुचेरी में दो पहिया वाहन चलाने वालों के लिए हेल्मेट पहनना जरूरी कर दिया गया था। उपराज्यपाल किरण बेदी चाहती हैं कि यह नियम फौरन लागू हों, जबकि मुख्यमंत्री इसे चरणबद्ध तरीके से लागू कराना चाहते हैं। दोनों के बीच उस समय भी तनातनी हुई, मुख्यमंत्री ने किरण बेदी पर पद का ‘दुरुपयोग’ करने और प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर कल्याणकारी योजनाओं को ‘रोकने’ का आरोप लगाते हुए उनके निवास के बाहर धरना तक दिया था।
Source: National