कश्मीर राग अलापने वाले इमरान अपने घर में घिरे
भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाने वाले अब खुद ही घर में घिरते जा रहे हैं। इमरान पर अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने का आरोप है। ऐसे में घरेलू राजनैतिक चुनौतियों से बचने के लिए वहां के मंत्री भी की आड़ लेने में जुटे हुए हैं। पाकिस्तान में मौलाना फजलुर्रहमान की जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल 31 अक्टूबर को आजादी मार्च आयोजित कर रहे हैं। इस मार्च को पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी का भी समर्थन हासिल है।
ध्यान भटकाने के लिए कश्मीर राग
ऐसे में एक मंत्री ने इस तरफ से ध्यान हटाने के लिए कश्मीर का राग अलापा है। यह मंत्री पाकिस्तान के विवादास्पद रेलवे मंत्री शेख रशीद अहमद हैं। उन्होंने यहां एक रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि पाकिस्तान का मीडिया कश्मीर के बजाए जमियत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) के नेता मौलाना फजलुर रहमान की खबरें दिखा रहा है।
‘मोदी को बुरा-भला कहने का मौका’
शेख रशीद ने कहा कि 27 अक्टूबर ‘कश्मीर दिवस’ है और मौलाना इस दिन भी (भारतीय प्रधानमंत्री) मोदी को बुरा-भला कहने का मौका नहीं दे रहे हैं। गौरतलब है कि फजलुर रहमान ने पहले 27 अक्टूबर को इस्लामाबाद में मार्च और धरने का ऐलान किया था। इस पर सत्तारूढ़ नेताओं ने कहा था कि यह कश्मीरियों की आवाज उठाने का दिन है। मौलाना ने इस दिन का चयन कर गलती की है।’
इसके बाद मौलाना ने अपने मार्च और धरने की तिथि बदलकर 31 अक्टूबर कर दी है। शेख रशीद ने कहा कि मौलाना को बताना चाहिए कि हुकूमत ने ऐसी कौन सी गलती की है कि वह इसे हटाकर घर भेजना चाहते हैं। कश्मीर पर हमेशा कुछ न कुछ विवादित बोलते रहने वाले शेख रशीद पर रेलवे में भर्तियों में धांधली का आरोप लगा है। इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने भर्तियों में कोई धांधली नहीं की है। इस बारे में वह तथ्य सबके सामने पेश करेंगे। शेख रशीद ने ही कुछ दिन पहले कहा था पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर को लेकर अक्टूबर या नवंबर में पूर्ण युद्ध होगा।
बता दें कि भारत द्वारा पाकिस्तान बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर भारतीय वायुसेना के हमला करने और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कई बार भारत के खिलाफ परमाणु युद्ध की धमकी दे चुके हैं। वही उनके कई मंत्री भी युद्ध की बात कह चुके हैं। कश्मीर मुद्दे को पूरी दुनिया में उठाने के बाद भी पाकिस्तान को कहीं से समर्थन नहीं मिला है।
Source: International