बालकनी से गिरा इंटर कॉपी टेंडर घोटाले का आरोपी, छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज
पटना : इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाले और गुजरात की बिंदिया इंटरप्राइजेज के 8.5 करोड़ रुपये के पेपर घोटाले के आरोपित दिवाकर प्रसाद (58) की बहादुरपुर के पंचवटी नगर स्थित आवास के तीसरे तल्ले से नीचे गिर कर मौत हो गयी. घटना बुधवार की रात करीब साढ़े 10 बजे घटित हुई. उन्हें राजेश्वर नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
घटना के बाद परिजनों ने हंगामा किया. दिवाकर प्रसाद के बेटे विक्रम उर्फ विक्की ने कोतवाली पुलिस के एसआइ देवकांत वर्मा व छह अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों पर मारपीट कर तीसरे तल्ले से उनके पिता को नीचे फेंकने का आरोप लगाया. विक्रम के बयान के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ बहादुरपुर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और छानबीन की जा रही है. पुलिस ने उनके घर में लगे सीसीटीवी कैमरा को अपने कब्जे में ले लिया है और पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है. परिजनों का यह भी आरोप था कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा अपने कब्जे में ले लिया है ताकि साक्ष्य को मिटाया जा सके. इधर, पुलिस ने दिवाकर प्रसाद के शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मेडिकल बोर्ड द्वारा करायी है. दिवाकर प्रसाद को एक बेटा और दो बेटी हैं. बेटा विक्रम उर्फ विक्की भी उनके मिल के काम में हाथ बंटाता था.
दिवाकर प्रसाद के बेटे के बयान के आधार पर बहादुरपुर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं. पूरी छानबीन करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
मनु महाराज,एसएसपी, पटना
विक्रम उर्फ विक्की ने बताया कि उनका चार मंजिला घर पंचवटी नगर में है. बुधवार को 10.15 बजे रात में कोतवाली थाने के देवकांत वर्मा व उनके साथ पांच-छह अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे. गेट खुला था, इसलिए वे लोग अंदर आ गये और आवाज दिया तो वह खुद नीचे आ गया. उसने देखा की पुलिस वाले खड़े हैं और आने का कारण पूछा. पुलिस वालों ने केवल यह पूछा कि तुम्हारे पापा कहां हैं, तो मैंने बताया कि वे तीसरे तल्ले में अपने कमरे में कुछ काम कर रहे हैं. इसके बाद दो पुलिसकर्मी नीचे ही रुक गये और बाकी ऊपर की ओर चल दिये. उन्हें ऊपर नहीं जाने दिया गया. इसके बाद वे लोग सारे घर को सर्च करने लगे.
पिता की चीख-पुकार सुनकर छत पर गया, तो वे नीचे फेंके जा चुके थे : इसके बाद वे लोग थर्ड फ्लोर की ओर बढ़े, तो उन्हें पिता की चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी, तो उसने ऊपर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने नहीं जाने दिया.
इसी बीच ऊपर गये काफी पुलिसकर्मी काफी तेजी से नीचे उतरने लगे, तो वह कुछ समझ नहीं पाया. इसके बाद जानकारी मिली कि उनके पिता नीचे गिरे हैं और खून से लथपथ हैं. सभी पुलिसकर्मी वहां से निकल गये. विक्रम पिता को राजेश्वर अस्पताल ले गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. उन पुलिसकर्मियों ने ही उनके पिता से मारपीट की और उन्हें तीसरे मंजिल की गैलरी से फेंक दिया, जिसके कारण उनकी मौत हो गयी. पुलिस उनके घर में करीब आधे घंटे तक रुकी थी.
विक्रम ने पुलिस पर इस केस में फंसाने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनके मिल में तीन बार छापेमारी हुई थी. लेकिन कुछ नहीं मिला था, लेकिन 20 नवंबर को पेपर मिल में पुलिस पहुंची और फिर उन लोगों को जानकारी मिली कि वहां से तीन बंडल बरामद किया गया है.
उन बंडलों को पुलिस द्वारा ही प्लांट किया गया था. इसके साथ ही जब भी पुलिस वाले उनके पिता को बुलाते थे, तो वे पूछताछ के लिए स्वत: ही हाजिर हो जाते थे. विक्रम ने बताया कि उनके पिता उस मिल के मालिक नहीं थे, बल्कि केवल शेयर होल्डर थे, इसके बावजूद उन्हें आरोपित बनाया गया.
प्रदर्शन के बाद प्राथमिकी: पुलिस पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर गुरुवार की शाम बहादुरपुर थाना का घेराव-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों को समझाने आये पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों से भी प्रदर्शनकारियों की बक-झक हुई. हालांकि, बाद में प्रदर्शनकारियों को यह बताया कि हत्या की प्राथमिकी थाना में दर्ज की गयी है. इसके बाद लोग शांत हुए और लौटे.