राज्य के दस लाख नागरिकों की बनेगी डिजिटल आर्मी
रायपुर:राज्य में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 31 दिसम्बर तक दस लाख लोगों को डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनकी डिजिटल आर्मी बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली गई बैठक में प्रदेश के सभी पांच संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को इसके लिए तैयारी तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने कैशलेस लेन-देन के लिए डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि इन दस लाख डिजिटल प्रशिक्षित लोग छत्तीसगढ़ की डिजिटल आर्मी की तरह काम करेंगे। डिजिटल प्रशिक्षित नागरिक आम जनता के बीच नगदी रहित लेन-देन को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रेरक की भूमिका निभाएंगे। उनकी कलाई पर प्रतीक स्वरूप डिजिटल आर्मी बैंड बांधे जाएंगे। कैशलेस लेन-देन में अग्रणी प्रथम पांच जिलों, प्रथम पांच ग्राम पंचायतों और प्रथम पांच व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में किया जाएगा पुरस्कृत। धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नगदी रहित लेन-देन की सुविधाओं के विस्तार के लिए सभी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पाइंट ऑफ सेल मशीन लगाने के लिए बैंकों के सहयोग से जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने दस लाख लोगों के प्रशिक्षण के लक्ष्य को ध्यान में रखकर राज्य स्तर, जिला स्तर और विकासखण्ड स्तर पर जागरूकता शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की संस्था चिप्स द्वारा गांवों और शहरों में संचालित सामान्य सेवा केन्द्रों (कॉमन सर्विस सेंटरों) के लगभग सात हजार अभिकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। ये सात हजार अभिकर्ता मास्टर ट्रेनर के रूप में ग्राम पंचायतों के स्तर पर 19 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक लोगों को अलग-अलग समूहों में प्रशिक्षण देंगे। मोबाइल फोनधारक युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और स्व-सहायता समूहों को सबसे पहले प्रशिक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टरों को बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर नीति आयोग द्वारा डिजिटल पेमेंट में अच्छा काम करने वाले दस जिलों और 50 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसी प्रकार राज्य स्तर पर प्रत्येक जिले में डिजिटल पेमेंट में अच्छा कार्य करने वाली पांच ग्राम पंचायतों और पांच दुकानदारों को 26 जनवरी 2017 को सम्मानित किया जाएगा। सम्मानित होने वाली पांचों ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए पांच-पांच लाख रूपए की राशि विकास प्राधिकरणों से स्वीकृत की जाएगी। इसी प्रकार प्रत्येक जिले में अच्छा कार्य करने वाले पांच-पांच अधिकारी और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश के सभी धान खरीदी केन्द्रों में आने वाले किसानों को शिविर लगाकर कैशलेस भुगतान की विभिन्न पद्धतियों के बारे में बताया जाए। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जागरूकता और प्रशिक्षण शिविर के लिए चिप्स द्वारा सभी तैयारियों आठ दिसम्बर तक पूरी कर ली जाएंगी। सामान्य सेवा केन्द्रों के सात हजार ग्राम स्तरीय उद्यमियों को इन जागरूकता और प्रशिक्षण शिविरों के लिए मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो ग्राम स्तर पर 19 से 31 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले शिविरों में मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षण देंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि ग्रामीण स्तर पर आयोजित होने वाले जागरूकता शिविर में युवाओं, सभी मोबाइल धारकों, गांव के प्रमुख व्यक्तियों, पंचायत प्रतिनिधियों, मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत सचिव, स्वच्छता अभियान के नौरत्न, उचित मूल्य दुकानों के दुकानदारों, निजी दुकानों के दुकानदार, रोजगार और तकनीकी सहायक, ग्राम स्तर के कर्मचारियों को शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने इन शिविरों में शिक्षकों को विशेष रूप से शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक पढ़ा-लिखा समुदाय है। यह डिजिटल साक्षरता के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इनके साथ-साथ पुलिस, होमगार्ड, श्रम विभाग, वन, कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, एन.एस.एस. के छात्रों को भी प्रशिक्षिण शिविरों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर तक प्रदेश में लगभग दस लाख लोगों को कैशलेस भुगतान के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों से जागरूकता शिविरों के आयोजन की तैयारी सामान्य सेवा केन्द्रों के विस्तार और वहां दी जा रही सेवाओं, डिजिटल पेमेंट के लिए पीओएस मशीन के लिए प्राप्त आवेदनों, जन-धन खातों को आधार से जोड़ने के कार्य की प्रगति, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे उपायों, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में किसानों को भुगतान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि नगरीय निकायों में बिलों का भुगतान कैशलेस करने के प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान से युवाओं को जोड़ने के लिए मोबाइल का उपयोग करने वाले युवाओं को डिजिटल आर्मी बैंड दिए जाएं। उन्होंने बताया कि रायपुर में जिला प्रशासन द्वारा ऐसे छह हजार बैंड बांटे गए हैं। ये युवा 100-100 लोगों को कैशलेस पेमेंट के बारे में प्रशिक्षित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता शिविर में शामिल होने वाला कोई व्यक्ति यदि डिजिटल पेमेंट करना चाहता है तो मास्टर ट्रेनर्स उन्हें डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया की जानकारी प्राथमिकता के साथ प्रदान करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, श्री एन.बैजेन्द्र कुमार, श्री एम.के. राउत, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, वित्त सचिव श्री अमित अग्रवाल, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, जनसम्पर्क विभाग के सचिव श्री संतोष मिश्रा, सहकारिता विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, संचालक जनसम्पर्क श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, संचालक संस्थागत वित्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री रजत कुमार और श्रमायुक्त श्री अविनाश चम्पावत इस अवसर पर उपस्थित थे।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान बिलासपुर कलेक्टर ने बताया कि उनके जिले में 67 प्रतिशत जनधन खातों को आधार से जोड़ा गाया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में किसानों के खाते में 83 करोड़ रूपए अंतरित किए गए हैं, जिसमें से किसानों ने 38 करोड़ रूपए की राशि आहरित कर ली है। कबीरधाम कलेक्टर ने बताया कि जिले के शहीरी क्षेत्रों की 75 प्रतिशत दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन लगा ली गई है। कलेक्टर रायपुर ने बताया कि इस सप्ताह के अंत तक राजधानी के 16 बाजारों में कैशलेस पेमेंट की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। कांकेर के कलेक्टर ने बताया कि जिलें में अच्छी कनेक्टिविटी वाली 34 ग्राम पंचायतों को प्रथम चरण में कैशलेस भुगतान वाली पंचायत बनाने के प्रयास किए जाएंगे। बस्तर कलेक्टर ने बताया कि बस्तर में सात दिसम्बर को ग्राम सभा में ग्रामीणों को कैशलेस ट्रांजेक्शन और डिजिटल लिट्रेसी के बारे में जानकारी दी गई। जिले में पांच सौ पी.ओ.एस. मशीन काम कर रही हैं। शिक्षकों को पांच-पांच सौ के समूहों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राजनांदगांव कलेक्टर ने बताया कि कई पेट्रोल पम्पों, गैस एजेंसियों, दवाई दुकानों में कैशलेस पेमेंट की सुविधा उपलब्ध हो गई है। बलरामपुर कलेक्टर ने बताया कि 31 दिसम्बर तक बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की 50 ग्राम पंचायतों को कैशलेस पेमेंट वाली ग्राम पंचायतों बनाने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनधन के 75 प्रतिशत खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है। जशपुर कलेक्टर ने बताया कि जशपुर के एक सब्जी विक्रेता श्री सुरेश अपने ग्राहकों को कैशलेस पेमेंट की सुविधा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में पी.ओ.एस. मशीन के 975 आवेदन प्राप्त हुए हैं। रायगढ़ कलेक्टर ने बताया कि धान खरीदी केन्द्रों में आने वाले किसानों तथा स्कूल के शिक्षकों और बच्चों को डिजिटल पेमेंट की जानकारी दी जा रही है। कलेक्टरों ने बताया कि व्यापार संघों के प्रतिनिधियों के साथ भी इस संबंध में बैठक आयोजित की गई है।