जीएसटी में दोहरे नियंत्रण का मुद्दा सुलझना बाकी : जेटली
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की दिशा में जीएसटी काउंसिल ने अधिकांश मुद्दों का समाधान कर लिया है और केवल ड्यूअल कंट्रोल (दोहरा नियंत्रण) का मुद्दा अनसुलझा है, जिसे सुलझाने की जरूरत है। जेटली ने यहां हाइड्रोकार्बन पर पेट्रोटेक 2016 इंटरनेशनल कांफ्रेंस के समापन सत्र के दौरान कहा, केवल एक महत्वपूर्ण मुद्दा बचा हुआ है, जिसका समाधान निकट भविष्य में होने की संभावना है।
हम उम्मीद कर रहे हैं कि दोहरे नियंत्रण के मुद्दे का समाधान होगा और एक अप्रैल, 2017 से जीएसटी लागू हो जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की पांचवीं बैठक बेनतीजा रही। परिषद के अध्यक्ष जेटली ने बैठक के दो दिन बाद संवाददाताओं से कहा, दोहरे नियंत्रण का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है। क्या हम समाधान के बिल्कुल निकट हैं? यह अभी तक संभव नहीं हो पाया है। जीएसटी परिषद की पांच बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें दोहरे नियंत्रण का मुद्दा सबसे अहम रहा है। परिषद की अगली बैठक 11 तथा 12 दिसंबर को होगी।
जेटली ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी को लाने की संवैधानिक विवशता है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, 16 सितंबर, 2017 से पहले जीएसटी को लाने की संवैधानिक विवशता है, नहीं तो देश चल नहीं पाएगा, क्योंकि कर बेहद जरूरी है। इसलिए हमारा इरादा इसे एक अप्रैल, 2017 तक लागू कर देने का है। केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के राजनीतिक विरोध के कारण एक अप्रैल से जीएसटी के लागू होने के लक्ष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। पश्चिम बंगाल जैसे राज्य ने कहा है कि नोटबंदी के मद्देनजर वह अप्रत्यक्ष कर की नई व्यवस्था लागू करने के प्रति सशंकित है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है।