पाक से MFN का दर्जा छीन सकती है मोदी सरकार, फैसला आज
नई दिल्ली: आज पाकिस्तान पर बड़ा फैसला हो सकता है. उरी हमले के बाद पाकिस्तान को घेरने के लिए पीएम मोदी आज पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीनने के लिए समीक्षा बैठक करने वाले हैं. पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छिना तो उसकी अर्थव्यवस्था की कमर टूटना तय है.
1999 में जब करगिल युद्ध हुआ तब भी भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन यानि सबसे पसंदीदा देश का दर्जा नहीं छीना था. 2008 में मुंबई में हमला हुआ तब भी भारत ने पाकिस्तान को बख्श दिया था. पठानकोट हमले के बाद भी भारत ने संयम से काम लिया था.
क्या है MFN छीने जाने के मायने
आज पीएम के घर पर होने वाली बैठक में यही तय होना है कि पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा बरकरार रखना है या नहीं. मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा मिलने का मतलब है कि पाकिस्तान को भारत में कारोबार की सुविधाएं देना. आयात (इंपोर्ट) शुल्क चुकाए बिना अपना माल बेचना. ये दर्जा सिर्फ भारत ने पाकिस्तान को दिया हुआ था. पाकिस्तान ने अभी तक भारत को MFN का दर्जा नहीं दिया. इसलिए दर्जा खत्म होने का नुकसान सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान को है. सरकार पर उद्योग संघों का कोई दवाब नहीं है क्योंकि वो भी मान रहे हैं कि इससे भारत का कोई नुकसान नहीं है.
विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश होने के नाते 1996 में भारत ने पाकिस्तान को आपसी व्यापार के लिए MFN का दर्जा दिया था. WTO के नियम भारत को अधिकार देते हैं कि वो पाकिस्तान से MFN का दर्जा छीन ले. मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म होने का मतलब है कि पाकिस्तान को भारत में व्यापार में कोई रियायत नहीं मिल पाएगी. पाकिस्तान अपने देश में बना सामान भारत में बेचेगा तो उसे ड्यूटी चुकानी होगी. व्यापारियों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. मुनाफा कम होगा.
2015-16 में भारत पाकिस्तान के बीच 17 हजार करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. पाकिस्तान ने 13 हजार 700 करोड़ रुपए का माल भारत से खरीदा. भारत को 3300 करोड़ रुपए का माल बेचा. भारत से कपास, खाद्य सामग्री, कॉफी, चाय, मसाले और सब्जियां निर्यात होती हैं जबकि पाकिस्तान से भारत मेवा-मसाले, सल्फर, रबड़, ऊन, और नमक आयात किया जाता है.