सीएम ने पारंपरिक अंदाज में बैलागाड़ी-गेड़ी में चढ़कर मनाया हरेली तिहार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के इतिहास में इस बार हरेली जैसा पर्व शायद ही किसी ने मनाया होगा। पहली बार जहां छत्तीसगढ़वासियों को इस दिन के लिए विशेष रूप से सरकारी अवकाश मिला था, तो वहीं खुद सूबे के मुखिया और मंत्रीगण भी इस रंग में रंगे हुए नजर आये। हालांकि इस त्यौहार की तैयारी हफ्तेभर पहले से ही चल रही थी, लेकिन आज मुख्यमंत्री निवास पर उसे साकार होते देखा गया।
सीएम हाउस में सुबह से ही गहमा-गहमी का माहौल था। लोगों की भीड़, लोक कलाकारों की भीड़ में कहीं पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी। बावजूद, पूरे परंपरागत तरीके से हरेली का त्यौहार मानाया गया। सबसे सुखद पहलू ये रही कि प्रदेश का मुखिया छत्तसगढिय़ा सीएम ने स्वयं ही पारंपरिक तरीके से सभी रस्मों रिवाजों को मानते हुए हल-बैल की पूजा-अर्चना की। इतना ही नहीं, उन्होंने इस दौरान बेहद संतुलित तरीके से गेड़ी पर दूर तक चले, बैलगाड़ी की भी सवारी की। कुल मिलाकर हरेली तिहार इस बार काफी रोमांचक रहा।
सीएम का गेड़ी पर सरपट चलना, नि:संदेह इस मिट्टी के प्रति संवेदनशीलता का अहसास करा रही थी। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी बैला गाड़ी चलाई। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ गृहमंत्री के अलावा मंत्री कवासी लखमा, विधायक सत्यनारायण शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे। लोकधुन पर झूमते दिखे मंत्रीगण
एक ओर मुख्यमंत्री सजे-धजे बैलगाड़ी पर सवार होकर चलते दिखे, वहीं दूसरी ओर मंत्री कवासी लखमा भी लोकधुन पर जमकर झूमते हुए नजर आये।
इस दौरान सावन के झूले पर बैठे। मुख्यमंत्री निवास से साक्षरता तिराहे तक अदभूत व अकल्पनीय और दृश्य देखने को मिला। चारों ओर हरेली का उल्लास और उमंग की छटा थी। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नर्तकों, लोक गायकों ने इस रंग को और अधिक मधुरता से भर दिया है। लगभग पांच सौ लोक नर्तकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों एवं साज सज्जा के साथ गेड़ी, बैलगाड़ी के साथ यात्रा की। छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना के साथ अरपा पैरी के धार जैसे सुमधुर गीतों, झांझर, मांदर और गुदुम बाजा के साथ हरेली गीत भी गाये गए। लोक नर्तक दलों ने गेड़ी, करमा, सुआ एराउत नाचा, पंथी नृत्य और गौरी-गौरा नृत्य प्रस्तुत किए।
सीएम अपने निवास में सबसे पहले स्कूली नन्हें मेहमानों से मिले। वे बच्चों से मुलाकात की और उनसे न केवल हरेली की शुभकामनाएं ली, बल्कि उन्हें हरेली की शुभकामनाएं देते हुए छत्तीसगढ़ के उत्साह भरे पारंपरिक खेलों के लिए प्रोत्साहित किया। हरेली यात्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री बघेल अपने मंत्री मंडल के सदस्यों के साथ पारंपरिक रूप से सजे-धजे बैलगाड़ी पर सवार होकर मुख्यमंत्री निवास से निकलकर गांधी उद्यान तिराहे और फिर साक्षरता तिराहा पहुंचें। उन्होंने यहां उपस्थित नागरिकों को संबोधित किया।