लोकतंत्र के हत्यारों को छत्तीसगढ़ के लोग पहचानते है
रायपुर- अंतागढ़ कांड की जांच के लिये गठित एसआईटी ने संदेहियों को वाइस सैंपल के लिये बुलाया लेकिन संदेहियों द्वारा प्रक्रिया का बहाना बनाकर वाइस सेंपल देने से इंकार करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा और भाजपा के सहयोगियों के द्वारा अंतागढ़ में जो लोकतंत्र की हत्या की गई थी। खरीद फरोख्त की पूरी घटनाओं का ऑडियो टेप छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता ने सुना है और समझा भी है। जनता बखूबी जानती है कि लोकतंत्र के हत्या के पीछे कौन-कौन लोग शामिल थे? रमन सिंह सरकार ने अंतागढ़ की जांच को लगातार बाधित किया। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ में हुई लोकतंत्र की हत्या की जांच का वादा किया था। अब सरकार बनने के बाद पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी के द्वारा किया जा रहा है। एसआईटी को संदेहियो द्वारा वॉइस सैंपल देने से इंकार करने पर सब कुछ स्पष्ट हो गया है। संदेहियो के द्वारा वॉइस सैंपल नहीं देने से उजागर हो गया है कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अंतागढ़ के लोकतंत्र के हत्यारे बतायें कि यदि आवाज उनकी नहीं है तो सैंपल देने में क्या परेशानी है? अंतागढ़ में भाजपा और उसके षडयंत्रकारियो ने कांग्रेस प्रत्याशी की खरीद फरोख्त करके सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही नहीं बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और चुनाव प्रणाली पर प्रहार किया था। इस मामले की जांच और दोषियों को सजा मिलना देश के प्रजातंत्र के लिए आवश्यक है। छत्तीसगढ़ का हर नागरिक चाहता है लोकतंत्र की 7 करोड़ में बोली लगाने वाले काली कमाई के धनकुबेर जो जनतांत्रिक व्यवस्था में खुद को जन नेता बनाने का स्वांग ओढ़े हुए हो वह सारे लोग बेनकाब हो और उनको सजा मिले। ताकि देश की चुनाव प्रणाली में फिर और कोई अंतागढ़ कांड की पुनरावृत्ति ना हो।