लोक सुराज अभियान 2018 : इंजरम-भेज्जी सड़क का नामकरण शहीद जगजीत सिंह के नाम पर

लोक सुराज अभियान 2018 : इंजरम-भेज्जी सड़क का नामकरण शहीद जगजीत सिंह के नाम पर
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रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के तहत राज्य के अंतिम छोर के नक्सल हिंसा पीडि़त जिले सुकमा के ग्राम इंजरम में आयोजित लोक समाधान शिविर में शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर बस्तर संभाग के इस जिले में ग्राम इंजरम से भेज्जी तक करीब 20 किलोमीटर सड़क का नामकरण शहीद जगजीत सिंह के नाम पर करने की घोषणा करते हुए इस मार्ग की नाम पट्टिका का अनावरण भी किया। डॉ. सिंह ने इस मौके पर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 में सुकमा से कोंटा तक बन रही  सड़क का भी बाइक पर बैठकर निरीक्षण किया।
ज्ञातव्य है कि स्वर्गीय श्री जगजीत सिंह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे। इंजरम-भेज्जी किलोमीटर मार्ग निर्माण कार्य में सुरक्षा ड्यूटी करते हुए उन्होंने पिछले वर्ष आज ही के दिन अर्थात 11 मार्च को नक्सलियों का बहादुरी से मुकाबला किया। इस मुठभेड़ में उनकी शहादत हुई। मुख्यमंत्री ने इंजरम के समाधान शिविर में इस घटना का उल्लेख करते हुए जनता से कहा कि श्री जगजीत सिंह और उनके साथियों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नक्सलवाद की गंभीर चुनौती के बावजूद इस महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण इस बात का परिचायक है कि विकास के रास्ते पर चलकर हम सब नक्सल समस्या को खत्म कर सकते हैं। केन्द्र सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत सुकमा जिले में सात प्रमुख सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। लगभग 18 करोड़ 94 लाख रूपए की भेज्जी-इंजरम सड़क भी इनमें शामिल है। शहीद इंस्पेक्टर जगजीत सिंह पंजाब के गुरदासपुर जिले के ग्राम कोटलाश्राफ के निवासी थे। इंजरम-भेज्जी सड़क निर्माण में सुरक्षा ड्यूटी में उनकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
मुख्यमंत्री ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 पर सुकमा-कोंटा सड़क का निरीक्षण भी किया। उल्लेखनीय है कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तराखण्ड राज्य के सितारगंज से शुरू होकर छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के सुकमा जिले से गुजरकर आन्ध्रप्रदेश के इब्राहिमपटनम तक बन रहा है। इसकी कुल लम्बाई दो हजार 040 किलोमीटर है। डॉ. सिंह ने इन दोनों सड़कों के निर्माण में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात अनेक जवानों की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने कहा-बस्तर संभाग और विशेष रूप से इस संभाग के सुकमा, बीजापुर जैसे जिलों में सुरक्षा बलों के हमारे जवान और अधिकारी पूरी मुस्तैदी से नक्सल चुनौती का सामना कर रहे हैं। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के निरीक्षक श्री जगजीत सिंह जैसे कई बहादुर जवानों ने इस अंचल में सड़कों के निर्माण और विकास कार्यों में सुरक्षा के दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
इंजरम     समाधान शिविर में मिनी स्टेडियम की घोषणा
डॉ. सिंह ने इंजरम के समाधान शिविर में युवाओं को खेल सुविधा देने के लिए वहां 50 लाख रूपए की लागत से मिनी स्टेडियम बनवाने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने आसिरगुड़ा से मेटागुड़ा तक पांच किलोमीटर सड़क निर्माण के प्रस्ताव को भी तत्काल मंजूरी दे दी। समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को मंच पर बुलाकर लोक सुराज के आवेदनों पर उनके द्वारा निराकरण के लिए की कार्रवाई की जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से प्रधानमंत्री आवास योजना, ऊर्जा विभाग से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना), प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आदि की प्रगति का भी ब्यौरा लिया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इंजरम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 104 मकानों का निर्माण किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने इन मकानों के निःशुल्क विद्युतीकरण के भी निर्देश दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, विशेष पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री दिलीप वासनीकर, कलेक्टर सुकमा श्री जयप्रकाश मौर्य और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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