उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व ‘छठ’
रांची : आस्था और सूर्योपासना का महापर्व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पूण हुआ. बिहार झारखंड और देश के बड़े हिस्से में छठ व्रतियों ने चार दिनों के इस महापर्व का समापन उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पारन के साथ पूरा किया. नदी घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास में भी उनकी भाभी और बहन ने इस महापर्व को किया. पूरे प्रदेश में आस्था का ज्वार देखने को मिला. शरबत पीकर छठ व्रतियों ने अपना व्रत तोड़ा. इसके साथ ही लोग घाटों से घर की ओर लौटने लगे.
सूर्यदेव की उपासना और पुत्र व सुख, समृद्धि की प्राप्ति का पावन छठ महापर्व शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ. दूसरे दिन खरना पूजा किया गया. रविवार को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान किया गया. वहीं सोमवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ यह महापर्व संपन्न हुआ. रविवार को हाथों में अखंड ज्योति कलश और पूजन सामग्री लेकर व्रती महिलाएं छठ मैया के पारम्परिक गीत गाते हुए घरों से घाटों पर पहुंची तो ये भक्ति का उमंग देखते ही बनता था.
रविवार को छठ के अवसर पर समूचे बिहार में गंगा एवं अन्य नदियों तथा जलाशयों के किनारे बने घाटों पर लाखों श्रद्धालु सूर्य की उपासना के लिए जुटे. पटना में व्रत रखने वाले पुरुष एवं महिलाएं गंगा के घाटों पर जमा हुए और कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य की आराधना की. छठ पूजा की सुगम व्यवस्था के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये थे. अपने आराध्य देव को ‘ठेकुआ’, फलों, गन्ना और नारियल के साथ ‘अर्घ्य’ देने के दौरान ‘छठ व्रतियों’ के परिवार के सदस्य एवं रिश्तेदार उनकी सहायता करते दिखे.