आठवें मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के विवादित नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति चार साल में चौथी बार शपथ ले जाने रहे हैं. खान मंत्री रहे गायत्री को दो हफ्ते पहले ही अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया था . लेकिन मुलायम की जिद की वजह से आरोपी गायत्री को फिर से गले लगाने को मजबूर हैं अखिलेश यादव. आठवें मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री
चार साल में चौथी बार मंत्री की शपथ
खान मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को अखिलेश यादव ने दो हफ्ते पहले भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया था. लेकिन अब यही प्रजापति फिर से अखिलेश सरकार की शोभा बढ़ाने जा रहे हैं. गायत्री पहले ऐसे मंत्री हैं जो अखिलेश सरकार में चौथी बार शपथ लेंगे.
7 फऱवरी 2013 को गायत्री पहली बार राज्यमंत्री बने, 6 महीने बाद स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री पद की शपथ ली. 2014 में प्रमोशन देकर वो कैबिनेट मंत्री बनाए गए और 18 जनवरी को तीसरी बार शपथ ली.अब एक बार फिर प्रजापति आज चौथी बार शपथ लेकर नया रिकॉर्ड बना रहे हैं.
मुलायम के कहने पर फिर वापसी
मुलायम के करीबी माने जाने वाले गायत्री को 12 सितंबर को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त किया था. लेकिन चार दिन भी अखिलेश अपने फैसले पर टिके नहीं रह सके और उन्हें मुलायम के कहने पर फिर से शामिल करने का फैसला कर लिया.
गायत्री के साथ विवादों की लंबी लिस्ट
खनन घोटाले से लेकर आय से अधिक संपत्ति और बीपीएल की लिस्ट में नाम का मामला, गायत्री के साथ विवादों की लंबी लिस्ट है लेकिन मुलायम का आशीर्वाद पाने की वजह से अखिलेश को गायत्री को गले लगाने पर मजबूर होना पड़ता है.
खनन घोटाले का आरोप
2012 के चुनावी हलफनामे में 1 करोड़ 70 लाख की संपत्ति बताने वाले गायत्री पर आरोप है कि इन्होंने चंद सालों में करीब 1 हजार करोड़ की अवैध संपत्ति जमा कर ली है. आरोप लगता है कि राज्य भर में अवैध खनन का कारोबार इन्हीं की देखरेख में फल फूल रहा है.
मुलायम के करीबी हैं गायत्री प्रजापति
खनन घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट से जारी हो चुका है. सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने राज्यपाल राम नाईक को चिट्ठी लिखी है और मंत्री बनाये जाने पर फिर से सवाल खड़े किये हैं लेकिन तमाम सवालों के बीच बीपीएल से बीएमडब्ल्यू तक का सफर तय करने वाले प्रजापति लाल बत्ती लेकर प्रजा की सेवा करने जा रहे हैं. सवाल ये है कि मुलायम से गायत्री को क्या फायदा मिल रहा है?