मजदूरों के कल्याण और खेल में राज्य का शानदार प्रदर्शन: राजवाड़े

मजदूरों के कल्याण और खेल में राज्य का शानदार प्रदर्शन:  राजवाड़े
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रायपुर:विगत 14 वर्ष में छत्तीसगढ़ ने श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में और खेल गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन किया है और कई शानदार उपलब्धियां हासिल की है। श्रम, खेल और युवा कल्याण मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े ने आज यहां न्यू सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकारवार्ता में अपने विभागों की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। उनके साथ संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

श्री राजवाड़े ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में असंगठित और संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक विकास, उद्योगों में श्रम कानूनों के पालन और श्रमिकों की सुरक्षा जैसे विषयों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनके नेतृत्व में श्रम विभाग ने इस दिशा में बेहतर कार्य किए हैं।

श्री राजवाड़े ने बताया कि विगत 14 साल में असंगठित और संगठित क्षेत्रों में राज्य सरकार ने 24 लाख 15 हजार मजदूरों का पंजीयन किया है, ताकि उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। भवन निर्माण और उससे जुड़ी गतिविधियों में काम करने वाले असंगठित मजदूरों के लिए छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का गठन पांच सितम्बर 2008 को किया गया था। इसमें 60 प्रकार की गतिविधियों को चिन्हांकित कर उनमें काम कर रहे 13 लाख श्रमिकों का पंजीयन किया गया। वर्तमान में पंजीयन प्रक्रिया का ऑनलाइन किया गया है और श्रम मित्र योजना शुरू की गई है। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों और उनके परिवारों की बेहतरी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा और रोजगार से संबंधित 26 योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें अब तक 654 करोड़ 31 लाख रूपए खर्च किए गए हैं।

भवन निर्माण श्रमिकों के मेधावी बच्चों के लिए शिक्षा प्रोत्साहन योजना भी चलाई जा रही है, जिसमें 220 बच्चों को एमबीबीएस, एमटेक, आईआईटी, कृषि महाविद्यालय, इंजीनियरिंग, नर्सिंग, एमबीए आदि की पढ़ाई के लिए सहायता दी गई है। राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना के तहत वर्ष 2008 से 2017 तक 68 हजार से ज्यादा बेटियों की शादी के लिए सहायता दी गई है।

श्री राजवाड़े बताया कि विगत 4 जनवरी 2011 को छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल का भी गठन किया गया है, जिसमें 9 लाख 20 हजार श्रमिकों का पंजीयन कर उन्हें 29 योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा मंडल में धोबी, दर्जी, माली, मोची, नाई, बुनकर, रिक्शा चालक, घरेलू कामगार, कचरा बिनने वाले, हाथ ठेला चलाने वाले, फुटकर सब्जी, फल और फूल विक्रेता और चाय और चाट विक्रेता, परिवहन श्रमिक, मोटर साईकिल और साईकिल मिस्त्री, फुटपाथ व्यापारी, हमाल, रेजा-कुली आदि 53 प्रकार के कार्यों में लगे श्रमिकों को चिन्हांकित कर उनके लिए 24 कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि औद्योगिक श्रमिकों के लिए छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल कार्यरत है, जिसमें वर्ष 2005-06 में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या लगभग 86 हजार थी, जो आज बढ़कर करीब दो लाख हो गई है। औद्योगिक श्रमिकों के स्वास्थ्य पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से अब तक 63 हजार 181 श्रमिकों की सेहत की जांच की गई। ताप विद्युत संयंत्रों में काम कर रहे करीब 40 हजार श्रमिकों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के औषधालयों की संख्या आज दस से बढ़कर 43 हो गई है। वर्ष 2003 में कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के तहत सिर्फ 33 हजार श्रमिक पंजीकृत थे, जिनकी संख्या आज बढ़कर 4 लाख 25 हजार हो गई है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा रायपुर, भिलाई और कोरबा में सौ-सौ बिस्तरों के अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए रायगढ़ में भी एक सौ बिस्तर अस्पताल और राजधानी रायपुर में उनके लिए एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव है।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट-हॉकी स्टेडियम 14 वर्ष की ऐतिहासिक उपलब्धि
श्री राजवाड़े बताया कि खेल और युवा कल्याण विभाग ने प्रदेश में एक बेहतर खेल वातावरण का निर्माण किया है। नया रायपुर के ग्राम परसदा में निर्मित शहीद वीर नारायणसिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, राजधानी रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर में निर्मित सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, रायपुर में इंडोर स्टेडियम और अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल, राजनांदगांव में निर्मित अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, प्रदेश सरकार के विगत 14 वर्ष के सफरनामे की ऐतिहासिक उपलब्धियां हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2004-05 से राज्य के खिलाडि़यों के लिए खेल अलंकरणों की शुरूआत की गई। वर्ष 2005-06 में खेल प्रोत्साहन नियम बनाए गए और इस वर्ष 2017-18 में नई खेल नीति भी जारी कर दी गई है। वर्ष 2014-15 में रायपुर में हॉकी और तीरंदाजी अकादमी की स्वीकृति मिली, जहां स्थानीय खिलाडि़यों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। श्री राजवाड़े ने जनशिकायत निवारण विभाग की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में लोक शिकायतों के निराकरण के लिए वीडियो कॉफ्रेंसिंग प्रणाली 15 अगस्त 2004 में दो जिलों से शुरू की गई थी, अब सभी 27 जिले इसमें शामिल कर लिए गए हैं, जिन्हें नया रायपुर स्थित मंत्रालय से जोड़ा गया है।

श्री राजवाड़े ने बताया- जनशिकायतों के निराकरण में केन्द्र सरकार के लोकशिकायत और प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा इस वर्ष अक्टूबर में की गई समीक्षा में छत्तीसगढ़ को देश के 29 राज्यों में प्रथम स्थान दिया गया है। श्री राजवाड़े ने बताया कि जनसमस्याओं और शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह स्वयं प्रत्येक गुरूवार को रायपुर के अपने निवास में जनदर्शन आयोजित करते हैं, वहीं उनके निर्देश पर जिला कलेक्टरों द्वारा भी सप्ताह में एक दिन जनदर्शन का आयोजन करते हैं। इसके अलावा सभी विकासखण्डों में जनसमस्या निवारण शिविर भी अनिवार्य रूप से आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लोक सुराज जैसे विशेष अभियान भी हर साल आयोजित हो रहे हैं।

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