धर्मस्थलों का विकास करेंगे: योगी

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सीतापुरः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्वों और त्यौहारों में सामूहिकता के दर्शन के साथ समाज को जोडऩे की परम्परा को पुनजीवित करने की आवश्यकता बताते हुए आज कहा कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के हर मत, मजहब और सम्प्रदाय से जुड़े धर्मस्थलों का विकास करेगी।

योगी ने संस्कार भारती और यूपी पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘नैमिषेय शंखनाद’ कार्यक्रम में कहा कि त्यौहारों को समाज को जोडऩे का माध्यम बनाना चाहिये। पर्व में सामूहिकता का दर्शन होता है। उस सामूहिकता के साथ समाज को जोडऩे का काम लोगों ने भुला दिया है। एक बार फिर इसको पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि संस्कृति की सेवा वास्तव में देश की एकता और अखण्डता को बनाये रखने की बहुत बड़ी सेवा है। संस्कृति तो राष्ट्र की आत्मा होती है, प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के हर मत, मजहब, सम्प्रदाय से जुड़े धर्मस्थलों के विकास को लेकर हम दोनों प्रकार से, संस्कृति की सेवा भी करेंगे और पर्यटन को बढ़ावा देने का मंच भी देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया ने इस बार अयोध्या की दीपावली को देखा और उसे खूब सराहा। बहुत से लोगों ने इसका विरोध भी किया। जैसे हमने अयोध्या को दीपावली से जोड़ा, वैसे ही होली के अवसर पर हमारा पूरा मंत्रिमण्डल ब्रज में रहेगा। बरसाना की होली के साथ हम पूरी दुनिया को एक साथ जोड़ेंगे। इस दिशा में हमारी कार्ययोजना बढ़ चुकी है।  योगी ने कहा ‘‘प्रशासन ने कांवड़ यात्रा को ‘बैन’ करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा में मैं पूरी अनुमति दूंगा कि कांवडिय़े घंटा, शंख, माइक बजाएं और हर प्रकार से उत्सव के साथ इस कांवड यात्रा को लेकर चलें।

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