चारा घोटाला. पूर्व मुख्य सचिव सजल को पांच साल की जेल

चारा घोटाला. पूर्व मुख्य सचिव सजल को पांच साल की जेल
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रांची: चारा घोटाले के अारसी-20 ए/ 96 मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शंभु लाल साव की अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने उन पर चार लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. फैसले के दौरान पूर्व मुख्य सचिव अदालत में मौजूद थे. मामले में अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद 14 नवंबर को उन्हें दोषी करार दिया था. सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तिथि निर्धारित की थी. पर न्यायाधीश भगवती प्रसाद के निधन की वजह से सजा सुनाने की तिथि बदल कर 22 नवंबर कर दी गयी थी़.

सजल के वकील ने किया था कम सजा देने का अनुरोध: इससे पहले बुधवार को दिन के 11:15 बजे  सचिव सजल चक्रवर्ती को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से सीबीआइ की अदालत में लाया गया. अदालत में उपस्थित होने के बाद  उन्होंने अनुरोध किया कि वह बीमार हैं, खड़े होने में परेशानी हो रही है. इस कारण उन्हें बैठने की अनुमति दी जाये. अदालत ने उन्हें बैठने की अनुमति दे दी.

सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पहले सजल चक्रवर्ती की ओर से उनके अधिवक्ता एके मित्रा का पक्ष सुना. सजल की ओर से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, फैमिली बैक ग्राउंड और अच्छे चरित्र का हवाला देकर कम से कम सजा की मांग की गयी. कोर्ट को बताया गया कि वह काफी बीमार रहते हैं, कई तरह की दवाइयां लेते  हैं. मेंटल डिजऑर्डर सहित  पेट की कई बीमारी है. अदालत में इससे संबंधित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी.  वहीं सीबीआइ की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की. कहा कि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है.   इसलिए सजल को सख्त सजा दी जाये, ताकि अन्य अधिकारियों को सबक मिल सके.

क्या है मामला
सीबीआइ के विशेष  न्यायाधीश बीएमपी सिंह के अनुसार, सजल चक्रवर्ती वर्ष 1992 से 1995 के बीच  प िसंहभूम के उपायुक्त थे. इस दौरान उनकी जानकारी में पशुपालन विभाग से  अत्यधिक निकासी हुई. आरोप था कि उन्होंने तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी बृजनंदन  शर्मा और आपूर्तिकर्ताओं से मेलजोल कर इसे नजरअंदाज किया. चाईबासा  कोषागार  से 37 करोड़ 70 लाख 39 हजार 743 रुपये की निकासी की गयी थी. उन्होंने एक आपूर्तिकर्ता  से लैपटॉप में प्राप्त किया था.

(साभार : प्रभात खबर)

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