शराबबंदी अभियान की सशक्त मॉनीटरिंग के लिए आइजी का पद सृजित
पटना : बिहार कैबिनेट की बैठक में आज कुल 19 महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. बिहार सरकार ने अनाथ, विकलांग एवं अक्षम बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के लिए खासतौर से नयी योजना शुरू की है. अब राज्य में अनाथ सिर्फ उन बच्चों को ही नहीं माना जायेगा, जिनके माता-पिता का निधन हो गया है.
बल्कि, जिन बच्चों के माता-पिता जेल में सजा काट रहे हैं या अन्य कानूनी प्रावधानों में फंसकर अलग रह रहे. साथ ही जिनके माता-पिता मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं, उन्हें भी अनाथ के रूप में माना जायेगा और इनके लिए खासतौर से बनायी गयी सभी संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा. साथ ही कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून को और धार देने के लिए नया पद सृजित करने का फैसला लिया गया. शराबबंदी के लिए अब अलग आइजी होंगे.
इसका निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट में लिये गये कुल 19 महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी संवाद कक्ष में कैबिनेट विभाग के विशेष सचिव यूएन पांडेय ने दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए चल रही योजनाओं में राशि की बढ़ोतरी भी की है. इसके तहत छह वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रति बच्चा 900 रुपये प्रति महीने दिये जायेंगे. जबकि, 6 से 18 वर्ष के सभी बच्चों के लिए एक हजार रुपये प्रति महीने दिये जायेंगे.
आइजी (मद्य निषेध) के नये पद के सृजन को मिली स्वीकृति
राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून की सशक्त मॉनीटरिंग और इसका पालन पूरी मजबूती से करने के लिए आइजी (मद्यनिषेध) के नये पद की स्वीकृति प्रदान कर दी है. यह नया पद सीआइडी के अधीन होगा और एडीजी (सीआइडी) को यह सीधे तौर पर रिपोर्टिंग करेगा. इसके अलावा मद्य निषेध कानून का अनुपालन समुचित तरीके से कराने के लिए सीआइडी में एसपी (ओएसडी) को एसपी (मद्य निषेद) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है. इस परिवर्तन के साथ ही एसपी की जिम्मेवारी शराबबंदी कानून का पालन मुस्तैदी से कराने में अहम भूमिका निभाने की होगी.