उत्तर प्रदेश की राजनीती में राम और कृष्ण वॉर

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लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के गृह नगर सैफई में कांसे की बनी भगवान कृष्ण की 50 फुट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। रथ का पहिया उठाने वाली मुद्रा में बनी इस प्रतिमा को यादव बहुल इलाके में लगाने का विचार उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का था। यह प्रतिमा ऐसे समय पर लगाई गई है, जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अयोध्या में भगवान राम की विशालकाय मूर्ति लगाने की योजना बना रही है।

भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है और अखिलेश यादव वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले लालू यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में इसका अनावरण करेंगे। पिछले छह महीने से बेहद गोपनीय तरीके से बनाई जा रही इस मूर्ति को योजनाबद्ध तरीके से बनाया जा रहा है। इसके लिए पैसा सैफई महोत्सव आयोजित करने वाली सैफई महोत्सव कमिटी ने दिया है। इसके अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हैं और अखिलेश यादव सदस्य हैं।

समाजशास्त्रियों और राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यादव कुल में जन्मे भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करवाकर अखिलेश यादवों और ओबीसी जातियों में एक संदेश भेजना चाहते हैं ताकि इनमें उनकी स्थिति और मजबूत हो जाए। सूत्रों ने बताया कि इस मूर्ति में भगवान कृष्ण को रथ का पहिया उठाए दिखाया गया है और इसका भी एक संदेश है।

एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, ‘वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावी रण से पहले अखिलेश का इस विषय वस्तु पर मूर्ति बनवाना उनके इरादों का स्पष्ट संकेत देता है।’

बता दें, हाल ही में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार ने अयोध्या में 100 मीटर ऊंची भगवान राम की मूर्ति लगवाने का प्रस्ताव राज्यपाल राम नाईक को सौंपा है। हालांकि अभी यह परियोजना शुरू नहीं हुई है।

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