दिल्ली ऑड-ईवन की तैयरी में

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नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पर्यावरण मंत्री, विशेषज्ञों व अधिकारियों के साथ चिंताजनक वायु प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए तत्कालिक उपायों से संबंधित एक उच्च स्तरीय बैठक की. दिल्ली में अगले आदेश तक ट्रकों का प्रवेश बंद (आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर) करने, डीएमआरसी/डीटीसी के फेरे बढ़ाने और सभी तरह के निर्माण की गतिविधियों पर रोक लगाने जैसे कई बड़े निर्णय लिए हैं. इतना ही नहीं, उपराज्यपाल ने ऑड-ईवन योजना को भी शुरू करने के लिए कहा है. जहरीली हवा को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने रविवार तक स्कूल भी बंद कर दिए हैं.

दिल्ली में बुधवार सुबह भी धुंध की गहरी चादर पसरी रही और कई स्थानों पर दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई.  शहर में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई तथा प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति के काफी करीब पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 अंकों के स्तर में 487 तक पहुंच गया. यह इस बात का संकेत है कि प्रदूषण की स्थिति ‘गंभीर’ है जो सेहतमंद लोगों को भी प्रभावित कर सकती है तथा बीमार लोगों पर ‘गंभीर प्रभाव’ डाल सकती है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने सभी विभाग बैठक में लिए गए निर्णयों पर सही भावना के साथ काम करने का आदेश दिया है.

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सभी विभागों को निर्णयों को जल्द लागू करने के निर्देश दिए. उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की ओर से घोषित कदमों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. उसने व्यस्त अवधि के दौरान मेट्रो किराये में कमी करने और पार्किग की दर बढ़ाने जैसे कदमों का भी ऐलान किया जा चुका है.

दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने कहा कि मेट्रो के फेरे बढ़ाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन उसने किराये कम करने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा. नगर निगमों ने भी पार्किंग का शुल्क करने के बारे में कोई घोषणा नहीं की है. बहरहाल, ईपीसीए ने कल स्पष्ट किया था कि उसके आदेश कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों की ओर से जारी किए जाने के बाद ये प्रभावी हो जाएंगे.

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