स्टैंप पेपर घोटाले का मास्टर माइंड तेलगी की मौत

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नई दिल्ली। देश के सबसे चर्चित घोटाले में से एक तेलगी घोटाले का मास्टमाइंड अब्दुल करीम तेलगी अब इस दुनिया में नहीं रहा, उसकी बेंगलुरू के अस्पताल में गुरुवार को मौत हो गई। उसके खिलाफ कुल 28 मामले चल रहे थे, जिसमें से 4 मामलों में वह दोषी साबित हो चुका था, जबकि दो मामलों में राहत मिली थी। तेलगी की मौत से पहले बड़ी राशि उसपर बकाया थी। इस पैसे को हासिल करने के लिए आयकर विभाग उसकी तमाम संपत्तियों की नीलामी करने में जुटा था, लेकिन आयकर विभाग 10 में से सिर्फ एक ही संपत्ति को नीलाम करने में सफल हो सका, जिसके जरिए उसे 1.40 करोड़ रुपए हासिल हुए थे।

तेलगी की मौत के समय उसपर ब्याज सहित कुल 190 करोड़ रुपए इंकम टैक्स बकाया था। वर्ष 2005 में आयकर विभाग ने उससे 120 करोड़ रुपए की मांग की थी, उस समय यह सबसे बड़ी आयकर की बकाया राशि की मांग थी, किसी भी एक व्यक्ति से आयकर विभाग की यह सबसे अधिक मांग थी। आयकर विभाग की ओर से इस टैक्स की मांग को तेलगी ने कोर्ट में चुनौती दी थी। इसकी बड़ी वजह यह थी की तेलगी ने अपने टैक्स रिटर्न में अपनी आय महज कुछ लाख रुपए ही दिखाई थी, उसने 1996 से 2003 के बीच बहुत की कम राशि दिखाई थी, लेकिन 2003 में टैक्स ट्रिब्युनल का कहना था कि तेलगी के पास बहुत बड़ी मात्रा में अनअकाउंटेड पा है, जिसे उसने फर्जी स्टैंप पेपर बेचकर हासिल किए थे

आयकर विभाग ने तेलगी की आय को 1996-97 में कुल 4.45 करोड़ रुपए आंका था, जिसमें 2.29 करोड़ रुपए अनअकाउंटेड था। तेलगी इस बाबत कोई सबूत देने में विफल रहा था कि उसने जो पैसा कमाया है वह मिट्टी के तेल के बिजनेस से कमाया है। तेलगी वर्ष 1999 से लेकर 2004 के बीच यह दर्शाने में भी विफल रहा कि उसने पैसा कहां से कमाया, ऐसे में आयकर विभाग ने उसके खिलाफ लगातार कार्रवाई करते हुए उसपर बड़ा आयकर चोरी का आरोप लगाया, लेकिन उसकी मौत से पहले वह उससे पैसा रिकवर नहीं कर पाई।

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