प्रदेश की तेरह सौ से ज्यादा सहकारी समितियों में जल्द शुरू होगी माइक्रो एटीएम सुविधा

प्रदेश की तेरह सौ से ज्यादा सहकारी समितियों में जल्द शुरू होगी माइक्रो एटीएम सुविधा
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रायपुर: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने घोषणा की है कि राज्य की सभी एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इन समितियों में सदस्य के रूप में शामिल लाखों किसानों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) द्वारा इसकी तैयारी युद्धस्तर पर की जा रही है। पहले चरण में 517 समितियों में माईक्रो एटीएम की स्थापना की जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा, जहां प्राथमिक सहकारी समितियों में माईक्रो एटीएम की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री आज शाम यहां अपने निवास परिसर में राज्य के बिलासपुर संभाग के पांच जिलों-बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा और मुंगेली की सहकारी समितियों के 537 प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। इनमें सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संचालक मंडल के सदस्य और प्रबंधक तथा समितियों के सदस्य शामिल थे।

ये सहकारिता प्रतिनिधि प्रदेश सरकार की हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत रायपुर और नया रायपुर के अध्ययन दौरे पर आए थे। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अपने निवास में उनका आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता और प्रदेश बुनकर संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष देवांगन भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा-हमर छत्तीसगढ़ योजना का यह दूसरा वर्ष है। इस योजना के तहत अब तक एक लाख से ज्यादा पंच-सरपंच रायपुर और नया रायपुर का भ्रमण कर चुके हैं। सहकारिता क्षेत्र के छह हजार 456 प्रतिनिधि भी इस योजना से जुड़कर यहां आ चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो अक्टूबर से 15 अक्टूबर के किसानों को वर्ष 2016 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान के बोनस के रूप में 2100 करोड़ रूपए की राशि कर वितरण किया जाएगा। बोनस वितरण में भी सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। छत्तीसगढ़ में प्राथमिक सहकारी समितियां बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही हैं।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के संचालन और किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम इन समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। पिछले वर्ष लगभग 11 हजार करोड़ रूपए की लागत से किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 70 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने में सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। सहकारिता के प्रतिनिधि गांवों में ग्रामीणों के छोटे-छोटे समूह बनाकर छोटे-छोटे व्यवसायों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने में उनकी सहायता कर सकते हैं। इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी अधिक मजबूती प्रदान की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा-गुजरात में सहकारिता के क्षेत्र की अमूल डेयरी परियोजना एक अच्छा उदाहरण है। कृषि उपजों पर आधारित उद्योगों का संचालन भी सहकारिता के माध्यम से किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भी सहकारिता के क्षेत्र में चार सहकारी शक्कर कारखाने सफलतापूर्वक काम रहे हैं। इनसे हजारों किसान जुड़े हैं।

मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने, हरियर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत गांवों को हराभरा बनाने, स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुचारू संचालन तथा गांव के स्तर पर जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का आव्हान सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधियों से किया।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधि प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास करे। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में लगभग 10 लाख 12 हजार किसानों को रूपे एटीएम कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली के पहले 517 प्राथमिक सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। मार्कफेड के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता ने सहकारिता के माध्यम से किसानों के हित में किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी।

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