गायत्री प्रजापति की बेल के लिए हुई थी 10 करोड़ की डील!

गायत्री प्रजापति की बेल के लिए हुई थी 10 करोड़ की डील!
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

इलाहाबाद – उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में पूर्व मंत्री और बहुचर्चित गैंगरेप केस में जेल में बंद मुख्य आरोपी गायत्री प्रजापति को 25 अप्रैल को पॉक्सो कोर्ट से मिली जमानत पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जांच में निकल कर सामने आया है कि गायत्री प्रजापति को साजिश के तहत जमानत दी गई और इसके लिए 10 करोड़ रुपए की डील की गई थी। इस डील में सीनियर जज भी शामिल थे।

गायत्री प्रजापति को 25 अप्रैल को अतिरिक्त जिला सत्र न्यायधीश ओ पी मिश्रा ने गैंगरेप केस में जमानत दी थी। इस मामले की जांच के आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोंसले ने दिए थे जिसमें न्यायिक फैसलों में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जांच रिपोर्ट के अहम खुलासों में कहा गया है कि गायत्री प्रजापति को जमानत देने के लिए 10 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ था। पांच करोड़ बिचौलिए की भूमिका निभा रहे तीन वकीलों को दिए गए और बाकी के पांच करोड़ रुपए सुनवाई करने वाले जज ओ पी मिश्रा और उनकी पोस्टिंग कराने वाले जिला जज राजेंद्र सिंह को दिए गए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोंसले ने इस गोपनीय रिपोर्ट में ओ पी मिश्रा की पॉस्को जज के रूप में की गई तैनाती पर भी सवाल उठाए गए हैं। कहा गया है कि पहले से तैनात जज लक्ष्मी कांत राठौर को पद से हटाकर रिटायरमेंट से ठीक तीन सप्ताह पहले 7 अप्रैल 2017 को ओ पी मिश्रा की तैनाती का कोई औचित्य और कारण नहीं था।

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 24 अप्रैल को जज ओ पी मिश्रा के कोर्ट में उन्होंने जमानत याचिका दाखिल की थी। 25 अप्रैल को जज ओ पी मिश्रा ने जमानत दे दी जबकि अभी मामले की जांच चल रही थी। इस बारे में इंटेलिजेंस ब्यूरो इस जमानत मामले में करप्शन के बारे में बताया था। इसके बाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने कार्रवाई करते हुए जज ओ पी मिश्रा को सस्पेंड कर दिया था। जांच के घेरे में आए जिला जज राजेंद्र सिंह से भी पूछताछ की गई है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.