मुफ्त उपहार मामले की सुनवाई अब जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच करेगी, जानिए क्या है पूरा मामला
चुनाव से पहले वोटरों को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार बांटने या मुफ्त उपहार देने का वादा करने वाले राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा सरकारी फंड से चुनाव से पहले वोटरों को उपहार देने का वादा करने या उपहार देने का मामला स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित करता है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स