नक्सली हिंसा के डर से विस्थापित हुए आदिवासियों के मसले पर अनुसूचित जनजाति आयोग सख्त, राज्यों को भेजा नोटिस

नक्सली हिंसा के डर से विस्थापित हुए आदिवासियों के मसले पर अनुसूचित जनजाति आयोग सख्त, राज्यों को भेजा नोटिस
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली: (एनसीएसटी) ने माओवादी हिंसा के कारण छत्तीसगढ़ से विस्थापित हुए करीब 5000 आदिवासी परिवारों की पहचान एवं उनके पुनर्वास के लिए उठाये गये कदम के बारे में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र को कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग और केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्रालय ने जुलाई, 2019 में इन राज्यों से 13 दिसंबर, 2005 से पहले वाम चरमपंथ के कारण विस्थापित हुए आदिवासियों की संख्या का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कराने का कहा था ताकि उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जा सके। राज्यों को सर्वेक्षण के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अक्टूबर, 2019 में भी इन राज्यों को पत्र लिखकर उनसे यह पता करने को कहा था कि छत्तीसगढ़ से कितने आदिवासी विस्थापित हुए। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘ हमे बताया गया कि कोविड-19 के चलते राज्य सर्वेक्षण नहीं कर पाये। हमने 12 जनवरी को एक अन्य नोटिस जारी कर उनसे 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।’

आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थानीय आदिवासियों को माओवादियों के विरूद्ध लामबंद कर 2005 में सलवा जुडूम शुरू किया था। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने इन लड़ाकों को सशस्त्र संघर्ष का प्रशिक्षण दिया और उन्हें हथियार दिये। वे संदिग्ध माओवादी समर्थकों के घरों एवं दुकानों पर हमला करते थे जबकि माओवादी सरकार का मुखबिर होने के संदेह में उनकी हत्या कर देते थे।’

उन्होंने कहा, ‘मानवाधिकार पर्यवेक्षकों ने सलवा जुडूम आंदोलन की आलोचना की क्योंकि लोग दोनों पक्षों के बीच फंस जाते थे। उसकी वजह से छत्तीसगढ़ से करीब 50000 आदिवासियों का अन्य राज्यों में विस्थापन हुआ।’ उच्चतम न्यायालय ने 2011 में इस आंदोलन पर रोक लगा दी।आदिवासी अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि माओवादी हिंसा के कारण विस्थापित आदिवासी ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के जंगलों में 248 बस्तियों में दयनीय दशा में रह रहे हैं।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.