अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है नीट पीजी काउंसलिंग, SC ने दी इजाजत, पढ़ें अदालत की पूरी सुुनवाई

अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है नीट पीजी काउंसलिंग, SC ने दी इजाजत, पढ़ें अदालत की पूरी सुुनवाई
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नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को अपने अहम अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने शुरू करने की इजाजत दे दी है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अगले सप्ताह से नीट-पीजी काउंसलिंग शेड्यूल शुरू होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने साल 2021-22 के एडमिशन के लिए काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दे दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के ऑल इंडिया कोटा के तहत नीट पीजी में 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन के संवैधानिक वैधता को सही ठहराया है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि 2021-22 के एडमिशन साल के लिए नीट पीजी काउंसलिंग शुरू होगा और इसके लिए जो क्राइटेरिया केंद्र ने नोटिफाई किया है उसके तहत ही काउंसलिंग शुरू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट पीजी 2021 और नीट यूजी 2021 का काउंसलिंग 29 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के तहत होगा इसमें केंद्र ने नोटिफाई किया है कि दाखिले में 27 फीसदी सीट ओबीसी के लिए और 10 फीसदी सीट ईडब्ल्यूएस कैटगरी के लिए ऑल इंडिया सीट में रिजर्व होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया कोटा में नीट पीजी और यूजी के लिए ओबीसी रिजर्वेशन के संवैधानिक वैधता को सही ठहराया और कहा कि हम इस मामले में पांडेय कमिटी की सिफारिश को स्वीकार करते हैं। इसमें 2019 के ऑफिस मेमोरेंडम का 2021-22 के ऑर्डर में इस्तेमाल हुआ है इसके तहत ईडब्ल्यूएस के लिए भी क्राइटेरिया तय किया गया था ताकि ईडब्ल्यूएस की पहचान सुनिश्चित हो सके और एडमिशन प्रक्रिया प्रभावित न हो। मौजूदा क्राइटेरिया में ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख रुपये तक की आमदनी तय की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि हम पांडेय कमिशन की सिफारिश को स्वीकार करते हैं जिसमें 2021-22 के एडमिशन के लिए 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए ऑल इंडिया कोटा तय किया गया है ताकि दाखिला न अवरुद्ध हो। लेकिन साथ ही कहा है कि भविष्य में ईडब्ल्यूएस की पहचान के लिए पांडेय समिती द्वारा तय क्राइटेरिया की वैधता, याचिका पर सुनवाई के बाद फैसले पर निर्भर होगा।


सुप्रीम कोर्ट का क्या है आदेश

अदालत ने अपने ऑर्डर में कहा कि 29 जुलाई 2021 के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है। इसमें नीट दाखिले लिए ओबीसी के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी ऑल इंडिया कोटे में रिजर्वेशन दिया गया है। नीट पीजी आवेदकों ने नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी और याचिकाकर्ता ने दलील दी कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के तहत नीट पीजी में रिजर्वेशन नहीं हो सकता।

ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया पर भी सवाल उठाया गया था। केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा और बाद में 25 नवंबर 2021 को केंद्र ने कहा कि वह ईडब्ल्यूएस मामले में तय क्राइटेरिया पर दोबारा विचार करेगा और तब तक काउंसलिंग नहीं होगी। 31 दिसंबर को केंद्र ने कहा कि उनके द्वारा इस मामले को देखने के लिए कमिटी बनाई गई थी और कमिटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। इसके तहत कमिटी ने मौजूदा एडमिशन सेशन 2021-22 के लिए ईब्ल्यूएस क्राइटेरिया को भी मान लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया तय करने के बारे में सुनवाई में अभी वक्त लगेगा। वहीं काउंसलिंग जल्दी शुरू हो ये जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑल इंडिया कोटे के लिए नीट के पीजी और यूजी दाखिले के लिए ओबीसी के 27 फीसदी रिजर्वेशन को वह वैध ठहराते हैं।

-नीट पीजी और यूजी का काउंसलिंग शुरू किया जाए और वह 29 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के तहत हो जिसमें ओबीसी के लिे 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी रिजर्वेशन ऑल इंडिया सीट में दिया गया है। और ईडब्ल्यूएस कैटगरी के लिए आठ लाख रुपये लिमिट का क्राइटेरिया तय किया गया है।

-हम पांडेय कमिटी की सिफारिश को स्वीकार करते हैं ताकि 2021-22 के एडमिशन की प्रक्रिया बाधित न हो।

-पांडेय कमिटी ने ईडब्ल्यूएस के लिे जो क्राइटेरिया तय किया है भविष्य के लिए अर्जी के फैसले पर निर्भर करेगा।

-सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस के लिए तय क्राइटेरिया के मुद्दे पर सुनवाई के लिए मार्च के तीसरे हफ्ते की तारीख तय कर दी है।

क्या रही थी दलीलें
-इससे पहले दोनों पक्षों की दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित कर लिया था। नीट पीजी में ओबीसी और ईब्ल्यूएस कैटगरी में रिजर्वेशन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। इससे पहले जहां केद्र सरकार ने कहा कि काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए वहीं याचिकाकर्ताओं ने रिजर्वेशन कोटा का विरोध किया। याचिकाकर्ता ने ईब्ल्यूएस कैटगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया का विरोध किया और कहा कि वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है।

-सुनवाई के दौरान ईडब्ल्यूएस के लिए केंद्र द्वारा 8 लाख रुपये का क्राइटेरिया तय करने का याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दत्तार ने कहा कि आठ लाख रुपये की लिमिट तय करने का कोई आधार नहीं है। इस ममले में पांडेय कमिशन रिपोर्ट में आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया तय करने के बारे में कोई स्ट़डी नहीं की गई। साथ ही एग्रीक्लचर लैंड के आधार पर जो लिमिट तय की गई है उसके लिए भी स्टडी नहीं की गई। एग्रीकल्चर लैंड के आधार पर 5 एकड़ की लिमिट रखी गई है। साथ ही रेजिडेंशियल संपत्ति का क्राइटेरिया भी गलत है। दत्तार ने दलील दी कि अलग-अलग राज्यों में इनकम का 8 लाख का एक समान क्राइटेरिया तय करने का कोई आधार नहीं दिखता है। पांच एकड़ जमीन का क्राइटेरिया एक समान रखना भी सही नहीं है। केरल में जनसंख्या घनत्व ज्यादा है लेकिन वहां पांच एकड़ जमीन का क्राइटेरिया सही नहीं है। आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया तय किया जाना मनमाना है।

-वहीं केंद् की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि हमने 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया पर दोबारा विचार कर फैसला लेंगे और तब तक काउंसलिंग नहीं होगी। अब एक्सपर्ट कमिटी की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है जिसके तहत ईडब्ल्यूएस के लिए तय मौजूदा क्राइटेरिया जारी रहेगा। रेजिडेंट्स डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं उनकी चिंता भी जायज है हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दें। हम मानते हैं कि 25 नवंबर को हमने कहा था कि काउंसिंल तब तक नहीं होगी जब तक दोबारा विचार कर फैसला नहीं लिया जाता है लेकिन जब बयान दिया था तब मौजूदा स्थिति के बारे में पता नहीं था।

क्या है केंद्र सरकार का फैसला
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी कर मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट को 10 फीसदी रिजर्वेश देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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