किसान आंदोलन में फूट, 32 में से 22 संगठनों ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान, SKM बोला- हमारे नाम का इस्तेमाल न हो

किसान आंदोलन में फूट, 32 में से 22 संगठनों ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान, SKM बोला- हमारे नाम का इस्तेमाल न हो
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ किसानों से मांफी मांगी थी। इसके बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त कर दिया है। किसान आंदोलन समाप्ति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha News) में शामिल किसान नेताओं ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया है। तकरीबन एक समाप्त पहले ही गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chadhuni) ने राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया था। अब किसान आंदोलन में भाग लेने वाले 32 में से 22 संगठनों ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

पंजाब की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव किसान आंदोलन में शामिल 32 में से 22 संगठनों ने एक साथ मिलकर राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया है। पार्टी का नाम संयुक्त समाज मोर्चा रखा गया है। मोर्चे ने दावा किया है कि वह सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मुमकिन है कि आने वाले समय में कुछ और संगठन उनके साथ आएं। पार्टी के नेता बलवीर सिंह राजेवाल होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया है कि वो पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लडे़गा। एक दर्जन के लगभग बड़े संगठनों ने जनसंघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा चुनावसंयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया है कि वे पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे है। यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव डॉ. दर्शनपाल ने दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है जो केवल किसानों के मुद्दों पर बना है। न तो चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है।

32 संगठनों के नाम का इस्तेमाल नहीं उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संघर्ष को स्थगित कर दिया गया है, शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। पंजाब में 32 संगठनों के बारे में उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप से चुनाव में जाने को लेकर आम सहमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति या संगठन संयुक्त किसान मोर्चा या 32 संगठनों के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

ये नेता राजनीति से फिलहाल दूर नेताओं ने स्पष्ट किया कि 32 संगठनों के सामने क्रांतिकारी किसान यूनियन (डॉ दर्शनपाल), बीकेयू क्रांतिकारी (सुरजीत फूल), बीकेयू सिद्धूपुर (जगजीत डल्लेवाल), आजाद किसान कमेटी दोआबा (हरपाल संघा), जय किसान आंदोलन (गुरबख्श बरनाला), दसूहा गन्ना संघर्ष कमेटी (सुखपाल डफर), किसान संघर्ष कमेटी पंजाब (इंदरजीत कोटबूढ़ा), लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी (बलदेव सिरसा) और कीर्ति किसान यूनियन पंजाब (हरदेव संधू) ने चुनाव लड़ने के खिलाफ स्पष्ट रुख रखा है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.