CBSE बोर्ड 10वीं क्लास के अंग्रेजी एग्जाम पेपर पर हंगामा, प्रियंका गांधी बोलीं- क्या हम वाकई बच्चों को ये सिखा रहे हैं?
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कक्षा 10 के अंग्रेजी प्रश्न पत्र को लेकर हंगामा मंचा हुआ है। 11 दिसंबर को इस परीक्षा का आयोजन किया गया था। कई छात्रों और अभिवावकों ने प्रश्नपत्र की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सीबीएसई को महिला विरोधी और आपत्तिजनक ठहराया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस मामले पर केंद्र सरकार का आड़े हाथों लिया।
प्रियंका ने साधा निशानाप्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि चौंकाने वाला! क्या हम वाकई बच्चों को ये बेहूदा बातें सिखा रहे हैं? साफ तौर पर भाजपा सरकार महिलाओं को लेकर इन पीछे ले जाने वाले विचारों का समर्थन करती है, नहीं तो भला वे सीबीएसई पाठ्यक्रम में इसे क्यों शामिल करते? सीबीएसई बोर्ड ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि कल आयोजित सीबीएसई दसवीं क्लास के अंग्रेजी पेपर के एक सेट में कुछ माता-पिता और छात्रों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।
बोर्ड ने दी सफाईबोर्ड ने कहा कि कुछ बच्चों और उनके माता-पिता की ओर से कहा गया है कि यह पुरानी धारणाओं का समर्थन करता है और कथित तौर पर लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देता है। . बोर्ड ने कहा कि पूर्व-निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार मामले को विषय विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। उसके बाद जैसा फैसला होगा उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सीबीएसई के एग्जाम पेपेर में भ्रामक सवालकई छात्रों और अभिभावकों ने सीबीएसई की 10वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय की परीक्षा में कुछ ‘‘भ्रामक’’ सवालों को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए, लेकिन बोर्ड ने कहा कि ये सही थे। एक छात्र ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि प्रश्न संख्या 13 और 14 में जवाबों के लिए केवल विकल्प थे लेकिन सवाल नहीं थे। उसने कहा, ‘जब मैंने निरीक्षक से इस त्रुटि के बारे में पूछा तो हमें सवालों को नजरअंदाज करने के लिए कहा गया।’
सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरेंअन्य छात्रों और अभिभावकों ने सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र की तस्वीरें साझा करते हुए उस हिस्से को रेखांकित किया, जो उनके अनुसार भ्रामक था। बहरहाल, बोर्ड के इस मुद्दे पर अलग विचार थे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक बयान में कहा, ‘यह उल्लेखित किया जाता है कि दोनों प्रश्न सही थे और कोई दुविधा नहीं थी। अंश इस टिप्पणी से शुरू होता- ‘नीचे दिए अंश को पढ़िये और बाद में दिये गए सवालों के उत्तर दिए गए विकल्पों में सबसे उचित विकल्प का चयन करते हुए दीजिये या पंक्ति को पूरा करिये। प्रश्नों के उत्तर निर्देशों के तहत दिये जाने थे, न कि अलग से।’
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स