पाकिस्तान ने अफगानिस्तान तक सहायता पहुंचाने के लिए दिया रास्ता, भारत ने नहीं दी तवज्जो, कहा- कोई विकल्प भी नहीं था
पाकिस्तान की ओर से भारत को अफगानिस्तान जाने के लिए रास्ता खोलने की घटना को भारत ने बहुत तवज्जो नहीं दी है। भारत के अनुसार अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करना मजबूरी था। पाकिस्तान के इस कदम से बहुत अधिक संकेत नहीं मिलने की बात भी कही है। भारत का मानना है कि जब तक पाकिस्तान आतंक पर सख्त कदम उठाने के अलावा अपनी नियत में स्पष्ठता नहीं लाता है तब तक वह भरोसे के लायक नहीं है।
दरअसल, एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारत के लिए अफगानिस्तान जाने के लिए अपने रास्तों को खोल दिया है ताकि वह वहां गेहूं की मदद दे सके। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने इस फैसल की जानकारी ट्वीट कर दी। दरअसल मास्को में हुई मीटिंग के बाद भारत ने अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने की एलान किया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह वाघा सीमा के रास्ते जाने की अनुमति दे। इसके बाद ही पाकिस्तान ने रास्ता खोला। अभी कुछ दिन पहले करतारपुर कोरीडार भी खोला गया। इसके बाद यह चर्चा उठी कि क्या दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरने के यह संकेत है?
पाकिस्तान पर भरोसा करना संभव नहींभारत के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अभी इस बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं है। तर्क दिया गया कि अभी कुछ दिन पहले ही जब अफगानिस्तान के हालात पर विचार के लिए भारत ने जब मीटिंग बुलायी तो उसका पाकिस्तान इससे भाग गया। ऐसे में उसकी नियत पर भरोसा करना बिल्कुल संभव नहीं है। भारत ने कहा कि शुरू से स्टैंड साफ है कि अब पाकिस्तान पहले एक्शन युक्त नियत दिखाए तभी आगे कोई कुछ संभावना बन सकती है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स