'जंक फूड पर स्पष्ट और सरल चेतावनी से घटेगा मधुमेह का खतरा' वर्ल्ड डायबिटीज डे पर एक्सपर्ट्स का दावा

'जंक फूड पर स्पष्ट और सरल चेतावनी से घटेगा मधुमेह का खतरा' वर्ल्ड डायबिटीज डे पर एक्सपर्ट्स का दावा
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नई दिल्ली
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर डायबिटिज से बचना है और हृदय रोग सहित तमाम दूसरे गंभीर रोग से मुक्त रहना है तो भारत को भी चिली का सिस्टम लागू करना होगा। इसके तहत खाने-पीने की नुकसानदेह चीजों पर पैकेट के सामने स्पष्ट और सरल चेतावनी देने का प्रावधान हो कि उसे खाने से स्वास्थ्य का क्या नुकसान है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे डायबिटीज और हृदय रोग सहित विभिन्न गैर संक्रामक रोगों को कम करने में काफी मदद मिलेगी।

वर्ल्ड डायबिटीज डे के अवसर पर नीतिगत मुद्दों पर विमर्श करने वाले गैर सरकारी संगठन इंस्टीट्यूट फॉर गवर्नेंस, पॉलिसीज एंड पॉलिटिक्स (आईजीपीपी) की ओर से आयोजित परिचर्चा में भाग लिया। इस दौरान पद्म-श्री सम्मानित और देश के प्रतिष्ठित एंडेक्रॉनोलॉजिस्ट डॉ. अनूप मिश्रा ने चिली जैसे विकासशील देश ने सेहत के लिए नुकसान पहुंचाने वाली खाने-पीने की चीजों के पैकेट के ऊपर की ओर चेतावनी की व्यवस्था सफलतापूर्वक लागू कर अपने यहां गैर संक्रामक रोगों का खतरा काफी कम कर लिया है। वहीं भारत में खाद्य सुरक्षा व संरक्षा प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) 2013 से अब तक इस पर चर्चा ही कर रहा है और कोई ठोस व्यवस्था तैयार नहीं कर पाया है।

उन्होंने बताया कि चिली ने अपने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए एक साथ कई कदम उठाए। नुकसानदेह पैकेटबंद खाने-पीने की चीजों पर सामने की ओर (फ्रंट ऑफ पैक) चेतावनी की व्यवस्था अनिवार्य की, बच्चों को ध्यान में रख कर होने वाली मार्केटिंग गतिविधियों पर रोक लगाई, साथ ही स्कूलों में इनकी बिक्री पर रोक लगाई। सबसे अहम बात कि अब यहां शुगर, सोडियम, सैचुरेटेड फैट या कैलरी तय मात्रा से अधिक हो तो खाद्य पदार्थों के पैकेट पर ऊपर की ओर अष्टभुज आकार के काले घेरे में साफ शब्दों में लिखा जाता है कि इसमें यह नुकसानेदह तत्व अधिक है।
इसका नतीजा बहुत उत्साहजनक है। इससे चीनी की अधिकता वाले पेय पदार्थों के उपयोग में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है।

उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 7.7 करोड़ लोगों को डायबिटीज है। इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन (आईडीएफ) के मुताबिक वर्ष 2045 तक यह संख्या बढ़ कर 13.4करोड़ हो सकती है। डॉ. मिश्रा ने सचेत करते हुए कहा कि बाजार में क्या बिक रहा है इस पर कोई नजर ही नहीं रखी जा रही। उन्होंने कहा, ‘मोटापा और उसके बाद होने वाली डायबिटीज का सबसे बड़ा कोई खतरा है तो वह शुगर ही है। इसी तरह नमक की अधिकता से उच्च रक्तचाप (हायपरटेंशन) और उससे होने वाले हृदय रोग का खतरा अधिक है।’

डायबिटीज एजुकेटर सगंधा केहर ने कहा, ‘बहुत से खाद्य निर्माता लेबल पर सही सूचना नहीं दे रहे हैं। इनके साथ सख्ती से पेश आने की जरूरत है। पैकेट पर सही सूचना लोगों को सही फैसले लेने में मदद करेगी। इसमें खास तौर पर माताएं अपने बच्चों के लिए सही उत्पाद चुन पाएंगी और गैर संक्रामक रोगों का खतरा घट सकेगा। चिली ने तो अपने खाद्य उत्पादकों को सेहतमंद सामग्री के उपयोग के लिए भी बाध्य किया है।’

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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