…तो वापस होगा कंगना का 'पद्मश्री' सम्मान? AAP, शिवसेना से लेकर कांग्रेस ने 'देशद्रोही' बताकर उठाई मांग
अभिनेत्री कंगना रनौत 1947 में मिली आजादी को ‘भीख’ बताने वाली टिप्पणी पर घिर गई हैं। कांग्रेस, शिवसेना, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने उनके बयान को ‘राजद्रोह’ करार दिया है। शिवसेना और AAP ने कहा है कि कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। कई नेताओं ने कंगना को हाल ही में मिला पद्मश्री सम्मान भी वापस लेने की मांग की है। खुद बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने कंगना के बयान पर कहा कि ‘इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’
कंगना का बयान ‘देशद्रोह’, पद्मश्री वापस लिया जाए: कांग्रेसकांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘देशद्रोह’ है और इसके लिए कंगना से पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘मैं मांग करता हूं कि कंगना रनौत को अपने बयान के लिए सभी देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान हुआ है।’
वल्लभ ने यह आरोप लगाया कि कंगना का बयान ‘देशद्रोह’ है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी कंगना पर निशाना साधा और कहा कि उनका बयान उन लाखों लोगों का अपमान है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘कंगना ने जो कहा है, उसका हर भारतीय नागरिक विरोध करेगा।’
कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए : शिवसेनाशिवसेना नेता नीलम गोरहे ने कहा कि कंगना रनौत पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उनका पद्म श्री पुरस्कार भी वापस ले लेना चाहिए। महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष गोरहे ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अभिनेत्री ने बहुत ‘गैर जिम्मेदाराना, आधारहीन और अनैतिहासिक’ बयान दिया है। उन्होंने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी समेत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का भी अपमान किया। शिवसेना नेता ने कहा,’उनकी टिप्पणियों के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उनका पद्म पुरस्कार भी वापस ले लेना चाहिए।’
आप ने मुंबई पुलिस से कहा, कंगना के खिलाफ करें केस
आम आदमी पार्टी (AAP) ने मुंबई पुलिस को एक शिकायत देकर आग्रह किया कि कंगना रनौत के खिलाफ ‘राजद्रोही’ टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया जाए। आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने अभिनेत्री की टिप्पणी को ‘ राजद्रोही और भड़काऊ’ बताया है। मेनन ने एक ट्वीट में कहा कि आप रनौत के अपमानजनक बयान की कड़ी निंदा करती है- जिसमें दावा किया गया है कि 1947 की भारत की स्वतंत्रता “भीख” थी, न कि वास्तविक स्वतंत्रता। एक अन्य ट्वीट में मेनन ने कहा कि उन्होंने मुंबई पुलिस को एक शिकायत देकर आग्रह किया है कि रनौत के खिलाफ उनकी ‘राजद्रोही और भड़काऊ’ टिप्पणी के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 504, और 505 के तहत कार्रवाई की जाए।
कंगना रनौत से पद्मश्री पुरस्कार वापस लें: मांझीबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अनुरोध किया कि कंगना रनौत को दिया गया पद्मश्री पुरस्कार को वापस ले लिया जाए। मांझी ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति को कंगना रनौत का पद्मश्री पुरस्कार वापस ले लेना चाहिए या पूरी दुनिया को यह समझा दिया जाए कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, भगत सिंह, सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अन्य ने आजादी के लिए भीख मांगी थी, जो ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा दी गई। शर्म करो कंगना।”
क्या बोले वरुण गांधी?पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर रनौत के बयान वाला वीडियो भी साझा किया। वरुण ने कहा, ‘यह राष्ट्र-विरोधी कृत्य है और इसे यही कहा जाना चाहिए। इसे ऐसा नहीं कहना उन लोगों के साथ विश्वासघात होगा जिन्होंने अपना खून बहाया और आज हम एक देश के रूप में तनकर और आजाद खड़े हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि लोग कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के असंख्य बलिदानों को नहीं भूल सकते जिसमें लाखों लोगों की जान गयी और कई परिवार तबाह हो गये। उन्होंने कहा कि इन शहादतों को इस शर्मनाक तरीके से अपमानित करने को केवल लापरवाही वाला या संवेदनाहीन बयान नहीं कहा जा सकता।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स