जरा आंख में भर लो पानी… पुंछ में प्राण न्यौछावर करने वाले इन 5 शूरवीरों के बारे में जान लें
आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरनकोट में एक गांव में तड़के अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों की ओर से सुरक्षा बलों पर गोलीबारी किए जाने से एक जेसीओ और चार अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में सभी पांच सैनिकों की मौत हो गई। भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के नियंत्रण रेखा पार कर चरमेर के जंगल में छुपे होने की खबर मिली थी। मौके पर अतिरिक्त बल को भेजा गया है, ताकि आतंकवादियों के निकलने के सभी रास्ते बंद किए जा सकें।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवाद निरोधी अभियान में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच सोमवार को मुठभेड़ हुई। इसमें एक ‘जूनियर कमीशंड अधिकारी’ (JCO) सहित पांच सैन्य कर्मी शहीद हो गए। इन शूरवीरों में नायब सुबेदार जसविंदर सिंह, मंदीप सिंह, गज्जन सिंह, सरज सिंह और वैसाख एच शामिल हैं।
आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरनकोट में एक गांव में तड़के अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों की ओर से सुरक्षा बलों पर गोलीबारी किए जाने से एक जेसीओ और चार अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में सभी पांच सैनिकों की मौत हो गई। भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के नियंत्रण रेखा पार कर चरमेर के जंगल में छुपे होने की खबर मिली थी। मौके पर अतिरिक्त बल को भेजा गया है, ताकि आतंकवादियों के निकलने के सभी रास्ते बंद किए जा सकें।
जसविंदर के परिवार में पत्नी और एक बेटी
नायब सूबेदार जसविंदर सिंह सोमवार को आतंकियों का निशाना बन गए। उन्होंने पूरी दिलेरी के साथ आतंकियों का मुकाबला किया। जसविंदर सिंह सेना की 4 मेकेनाइज्ड इनफैंट्री (1 सिख) में तैनात थे। उनकी पत्नी का नाम राज कौर है। उनके एक बेटी है। बेटी का नाम समरजीत कौर है। भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के नियंत्रण रेखा पार कर चरमेर के जंगल में छुपे होने की खबर मिली थी। आतंकियों के दांत खट्टे करते हुए जसविंदर घायल हो गए। इसके बाद उन्हें नजदीकी चिकित्सा केंद्र में तुरंत ले जाया गया। हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। जसविंदर पंजाब के रहने वाले हैं। उनकी गिनती बेहद बहादुर सैनिकों में होती रही है।
2 महीने का है मनदीप का छोटा बेटा
शहीद नायक मनदीप सिंह बहादुर और चौकस सैनिक थे। मनदीप पंजाब के रहने वाले हैं। वह सेना की 11 सिख रेजिमेंट में थे। उनकी पत्नी का नाम मनदीप कौर है। उनके दो बेटे हैं। एक की उम्र तीन साल है। दूसरा दो महीने का है। पुंछ में आतंकियों से मुकाबला करते हुए मनदीप ने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें पास के एक चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। देश उनके जज्बे को सलाम करता है।
सरज सिंह के जज्बे का सलाम
शहीद सरज सिंह भी पंजाब की मिट्टी के हैं। देश के इस लाल ने पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके में पूरी बहादुरी से आतंकियों के खिलाफ जंग लड़ी। सेना ने विशेष सूचना के बाद सुरनकोट इलाके के दारा की गली के पास के गांवों की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था। छिपे हुए आतंकवादियों ने जवानों पर गोलीबारी की। इसमें वह घायल हो गए। माना जा रहा है कि करीब 4 से 5 आतंकवादी घटनास्थल पर छिपे हुए थे।
चार महीने पहले हुई थी गज्जन की शादी
गज्जन सिंह की शहादत को देश हमेशा याद रखेगा। सिपाही गज्जन सिंह सेना की 23 सिख रेजिमेंट में थे। उनकी चार महीने पहले शादी हुई थी। उनकी पत्नी का नाम हरप्रीत कौर है। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवाद निरोधी अभियान में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच सोमवार को हुई मुठभेड़ में गज्जन भी शहीद हो गए। गज्जन पंजाब के रहने वाले हैं।
केरल के लाल हैं वैसाख
कश्मीर में लड़ते हुए जान गंवाने वालों में वैसाख एच का भी नाम है। वैसाख केरल के रहने वाले हैं। ऑपरेशन के दौरान पूरी बहादुरी के साथ उन्होंने आतंकियों का सामना किया। उनकी शहादत देश कभी नहीं भूलेगा। वैसाख की गिनती बेहद मुस्तैद जवानों में होती थी।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स