जुबानी जंग में अमरिंदर का पलटवार… पूरी कांग्रेस पर सिद्धू के हास्य और नौटंकी का असर, झूठ में भी तालमेल नहीं

जुबानी जंग में अमरिंदर का पलटवार… पूरी कांग्रेस पर सिद्धू के हास्य और नौटंकी का असर, झूठ में भी तालमेल नहीं
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चंडीगढ़
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि पार्टी के नेता राज्य में संकट से ठीक से नहीं निपट पाए। अब अपनी नाकामी छुपाने के प्रयास में ‘हास्यास्पद झूठ’ बोल रहे हैं। इसके कुछ घंटे पहले कांग्रेस नेता ने दावा किया था कि पार्टी के 78 विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिख सिंह को हटाने की मांग की थी। उन्हें पंजाब के सीएम पद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नहीं हटाया।

इसी बयान की पृष्ठभूमि में सिंह ने यह टिप्पणी की। अमरिंदर सिंह ने उनके प्रति अविश्‍वास जताने वाली चिट्ठी के संबंध में कांग्रेस महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत तथा कांग्रेस नेता सुरजेवाला की ओर से बताई गई विधायकों की अलग-अलग संख्या की ओर इशारा किया। कहा कि ‘यह हास्यास्पद है।’

रावत ने शुक्रवार को प्रेस में दिए एक बयान में कहा था कि इस मुद्दे पर 43 विधायकों ने आलाकमान को पत्र लिखा था।

पार्टी पर सिद्धू का असर
सिंह ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी पर नवजोत सिंह सिद्धू के हास्य और नौटंकी का असर हो गया है।’ उन्होंने कहा, ‘अब वे दावा करेंगे कि 117 विधायकों ने मेरे खिलाफ पत्र लिखा है। पार्टी में ये तो हालात हैं। वे अपने झूठ में भी तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस में पूरी तरह से अव्यवस्था के हालात हैं। दिन प्रतिदिन संकट बढ़ता ही जा रहा है। इसके अधिकतर वरिष्ठ नेताओं का पार्टी की कार्य प्रणाली से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा कि सच यह है कि जिन 43 विधायकों ने उक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, उन्हें दबाव में ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।

सिंह ने कहा, ‘यह देखकर दुख होता है कि अपने गलत कामों को उचित ठहराने के लिए वे साफ झूठ बोल रहे हैं।’

सुरजेवाला ने क्‍या कहा था?
इससे पहले कांग्रेस के महासचिव सुरजेवाला ने कहा था कि जब कोई मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों का विश्वास खो देता है तो उसे पद पर नहीं बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘(पंजाब में) 79 में से 78 विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने के लिए पत्र लिखा था। अगर हम मुख्यमंत्री नहीं बदलते तो आप हम पर तानाशाही का आरोप लगाते। मुख्यमंत्री एक तरफ और 78 विधायक एक तरफ और आप उन्हें सुनना नहीं चाहते।’

सुरजेवाला ने कहा था, ‘सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं। पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला उन्होंने नहीं लिया। जैसा कि मैंने आपको बताया, 78 विधायकों ने पत्र लिखा था और उसके बाद हमने मुख्यमंत्री को बदल दिया।’

इससे पहले अमरिदंर सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के उस आरोप का खंडन किया था कि वह विधायकों का विश्वास खो चुके हैं।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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