साम्प्रदायिक टिप्पणी कर घिरे पीएम मोदी, विरोधियों ने की आलोचना

साम्प्रदायिक टिप्पणी कर घिरे पीएम मोदी, विरोधियों ने की आलोचना
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

लखनऊ : चुनाव के मैदान में कल पीएम मोदी ने पहली बार ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर विरोधी उन पर चुनाव में ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहे हैं. पीएम मोदी ने कल कहा था कि अगर गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए, अगर रमजान में बिजली आती है तो दीवाली में भी आनी चाहिए. सवाल ये है कि क्या यूपी में धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव होता है?

सीधे-सीधे धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव का मुद्दा उठा दिया

चुनाव में ये पहला मौका है जब पीएम मोदी ने सीधे-सीधे धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव का मुद्दा उठाया है. पीएम ने यूपी के फतेहपुर में कहा कि शासन का मंत्र भेदभाव नहीं सबका साथ सबका विकास होना चाहिए. पीएम मोदी के इस बयान के बाद चुनाव के मैदान में बड़ा तूफान खड़ा हो गया है, विरोधी पीएम पर चुनाव में वोट के लिए ध्रुवीकरण यानी हिंदू-मुस्लिम की बात करने का आरोप लगा रहे हैं.

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी कह रही है कि यूपी में हार के डर से पीएम ध्रवीकरण का कार्ड खेल रहे हैं, वैसे ध्रुवीकरण का आरोप चुनाव में हर पार्टी पर लग रहा है, मायावती खुलेआम मुस्लिम समाज से वोट मांग चुकी हैं वहीं अखिलेश मुस्लिम वोट पर अपना पहला हक बता रहे हैं। राजनीति के मैदान में आरोप प्रत्यारोप के बीच सवाल ये है कि वाकई में यूपी में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव होता है क्या ?

यूपी के फतेहपुर की रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने अखिलेश के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति को लेकर समाजवादी पार्टी सरकार पर तीखा हमला किया था. मोदी ने सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यहां FIR लिखवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ता है. गायत्री प्रजापति के बहाने मोदी ने सपा-कांग्रेस गठबंन पर हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि क्या सपा और कांग्रेस का गठबंधन भी गायत्री प्रजापति जितना पवित्र है.

अपनी रैली में मोदी ने सूबे में भेदभाव का भी जिक्र किया और सांप्रदायिक रंग के साथ इसकी मिसाल पेश की. पीएम मोदी ने कहा कि धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. मोदी ने कहा, “यूपी में भेदभाव सबसे बड़ा संकट है. ये भेदभाव नहीं चल सकता. हर किसी को उसके हक़ का मिलना चाहिए ये सबका साथ सबका विकास होता है.”

होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए

उन्होंने कहा, “अगर होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए. भेदभाव नहीं होना चाहिए. धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए. गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए..

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.