बागी विधायक अदिति सिंह बोलीं- BJP में जितिन का भविष्य उज्ज्वल, एक परिवार की पार्टी बन रही कांग्रेस

बागी विधायक अदिति सिंह बोलीं- BJP में जितिन का भविष्य उज्ज्वल, एक परिवार की पार्टी बन रही कांग्रेस
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लखनऊ
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने इसे बड़ी क्षति बताया है। उनका कहना है कि कांग्रेस आज एक परिवार की पार्टी बनती जा रही है। ऐसे में कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए।

विधायक अदिति सिंह ने कहा कि कांग्रेस में आलम यह है कि उनके सभी प्रमुख नेता पार्टी से किनारे कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता दूसरी पार्टी में क्यों जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी बनती जा रही है। बीजेपी में उनका (जतिन) भविष्य उज्ज्वल होगा।

पीयूष गोयल ने दिलाई सदस्यता
इससे पहले बुधवार सुबह कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। वह पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। जितिन को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी जॉइन करवाई। बीजेपी में शामिल होने से पहले जितिन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। उधर, अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं और जितिन प्रसाद के बीजेपी के पाले में जाने के बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।


मिलिंद देवड़ा ने गुजरात सरकार के कामकाज की तारीफ

उधर, मिलिंद देवड़ा ने गुजरात सरकार के कामकाज की तारीफ कर कांग्रेस की चिंता और बढ़ा दी है। दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल से गुजरात में होटल इंडस्‍ट्री, रेस्‍टोरेंट, रिजार्ट और वॉटर पार्क बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आर्थिक नुकसान को देखते हुए मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका पिछले एक साल का प्रॉपर्टी टैक्‍स और बिजली बिल माफ करने का फैसला लिया है। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह खबर शेयर करते हुए गुजरात सरकार की तारीफ की है। उन्‍होंने लिखा है- ‘दूसरे राज्‍यों के अनुकरण के लिए एक स्वागत योग्य कदम। यदि हम भारत के आतिथ्य क्षेत्र में और नौकरियों के नुकसान को रोकना चाहते हैं तो सभी राज्यों को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।’

साभार : नवभारत टाइम्स

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